अमन वर्मा (जन की बात)
गैंगस्टर विकास दुबे मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के कानपुर ले जाते समय शुक्रवार सुबह एक सड़क दुर्घटना के बाद हुई मुठभेड़ में मारा गया।
कानपुर से महज एक घंटे की दूरी पर, जिस कार में विकास दुबे को ले जाया जा रहा था, वह बारिश की वजह से राजमार्ग पर पलट गई। पुलिस के अनुसार, गाड़ी के पलट जाने के बाद विकास ने बंदूक छीन कर भागने की कोशिश की, उसी समय उसका एनकाउंटर कर दिया गया।
पुलिस ने कहा कि, विकास दुबे ने स्पेशल टास्क फोर्स के एक जवान की पिस्तौल छीन कर भागने की कोशिश की, लेकिन उसे घेर लिया गया। कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल का कहना है की, “आज दुर्घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।” घटना के बाद की तस्वीरों में विकास दुबे को स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा था, जहां अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार को कानपुर में पुलिसकर्मियों के नरसंहार को अंजाम देने के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश की पुलिस को विकास दुबे की तलाश थी। जिसे कल उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया गया था। मंदिर के सुरक्षा गार्डों ने उसे उस वक्त देख लिया था, जब विकास प्रसाद खरीदकर मंदिर में प्रवेश कर रहा था।
मंदिर के गार्ड्स ने उसे मध्यप्रदेश पुलिस को सौंप दिया था। जिसके बाद उसने खुद चिल्लाकर कहा “मै विकास दुबे हूं, कानपुर वाला!”
अपनी हिरासत से बचने के लिए, विकास ने कानपुर से हरियाणा के फरीदाबाद तक गाड़ी चलाई थी, जहां वह पुलिस के पहुंचने से ठीक पहले एक होटल से फरार हो गया था।
विकास पर 50 की उम्र में 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और जबरन वसूली जैसे अपराध शामिल थे। पुलिस और राजनेताओं के साथ उसके संबंधों ने उसे वर्षों तक जेल से बाहर रहने में मदद की।