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मध्य प्रदेश के मंत्रिमडल विस्तार में सिंधिया समर्थकों का रहा दबदबा, जाने मंत्रिमंडल विस्तार में किसे क्या मिला?

अमन वर्मा
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के ग्यारह दिनों बाद,आज यानी सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया। जिसमें भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को कुछ प्रमुख विभाग मिले।  2 जुलाई को चौहान मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 28 नए मंत्रियों में कैबिनेट रैंक के 20 और राज्य के 8 मंत्री शामिल हैं।  चौहान मंत्रालय की संख्या अब 34 है, जिसमें चार महिला मंत्री भी शामिल हैं। सिंधिया के निष्ठावान माने जाने वाले तुलसी सिलावट ने जल संसाधन विभाग को बरकरार रखा और सोमवार को आवंटन में मत्स्य और मत्स्य विकास विभाग का प्रभार भी प्राप्त किया,जबकि गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन विभाग, की आधिकारिकता मिली।  आपको बता दें कि सिलावत और राजपूत को चौहान मंत्रालय के पहले ‘मिनी विस्तार’ में भी कैबिनेट में शामिल किया गया था।
सिंधिया समर्थकों में डॉ. प्रभुराम चौधरी को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का प्रभार मिला, प्रद्युम्न सिंह तोमर को ऊर्जा, महेंद्र सिंह सिसोदिया को पंचायत और ग्रामीण विकास मिला, जबकि इमरती देवी को महिला और बाल विकास विभाग मिला। चौहान ने सामान्य प्रशासन, जनसंपर्क, नर्मदा घाटी विकास, विमानन और कुछ अन्य विभागों को अपने पास रखा है।  भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने गृह विभाग बरकरार रखा है, लेकिन सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी को स्वास्थ्य देना पड़ा।  नरोत्तम मिश्रा को सोमवार को संसदीय मामलों और कानून विभागों का प्रभार भी मिला।
इसके अलावा, गोपाल भार्गव को सार्वजनिक निर्माण विभाग और ग्रामीण उद्योग, विजय शाह-वन, जगदीश देवडा-वित्त और वाणिज्यिक कर, भूपेंद्र सिंह-शहरी प्रशासन और विकास और यशोधरा राजे सिंधिया- खेल और युवा कल्याण विभाग मिला।  कमल पटेल, जिन्हें पहले विस्तार के दौरान शामिल किया गया था, उन्होंने अपने पास किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग बनाए रखा है।
भाजपा के अन्य मंत्रियों में डॉ.मोहन यादव शामिल हैं, जिन्हें उच्च शिक्षा विभाग, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह- खनिज संसाधन और श्रम, विश्वास सारंग-चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी और राहत, प्रेम सिंह पटेल- पशु, सामाजिक न्याय और दिव्यांग कल्याण, ओम प्रकाश शामिल हैं।  साकलेचा-लघु, लघु और मध्यम उद्यम और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उषा ठाकुर-पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्मिक विभाग और अरविंद भदोरिया-सहकारी समितियां और सार्वजनिक सेवा प्रबंधन मिला।
कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा बगावत के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके  बाद शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को रिकॉर्ड चौथे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।  सिंधिया के साथ चले गए 22 विधायकों में से 14 को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। आपको बता दें कि कांग्रेस को रविवार को एक और झटका लगा, जब  प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भी पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए।  230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में वर्तमान में 25 सीटें खाली पड़ी हैं।  उनकी विधानसभा सदस्यता से 23 नेताओं के इस्तीफे और दो सिटिंग विधायकों की मृत्यु के कारण इन सीटों पर चुनाव  होने बाकी है।
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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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