राजस्थान के भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह को आखिरकार 35 साल बाद न्याय मिल ही गया। आपको बता दें कि मथुरा जिला एवं सत्र न्यायलय ने बुधवार को सभी 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। आपको बता दें कि इसके साथ सभी आरोपियों पर 10-10 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया गया है और सभी आरोपियों की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। इसलिए उनको विशेष कारागार में उचित चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी। आपको बता दें कि यह पूरा मामला 35 साल तक चला। आपको बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान 1700 से अधिक तारीखें चली। 18 लोगों को आरोपी बनाया गया, और बाद में 11 लोगों को उम्र कद की सजा सुनाई गई। आपको बता दें कि एक आरोपी 1990 में रहा हो गया था जबकि तीन आरोपियों की मौत हो गई थी।
क्या था मामला?
आपको बता दें कि राजा मानसिंह भरतपुर रियासत के राजा थे और विधायक भी थे। हालांकि उन्होंने कभी कांग्रेस का साथ नहीं दिया। लेकिन कांग्रेस का उनसे एक समझौता हुआ था कि वह उनके खिलाफ उम्मीदवार तो उतारेगी लेकिन कोई बड़ा कांग्रेस का नेता प्रचार करने उनके खिलाफ नहीं आएगा। राजा मानसिंह ने पहली बार 1952 में चुनाव लड़ा था, उसके बाद 1984 तक विधायक थे। सात बार निर्दलीय विधायक का चुनाव जीते। इस समझौते के बाद 1985 में 20 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री माथुर कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए उनके विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए आ रहे थे। इससे राजा मानसिंह खफा हो गए और उन्होंने मंच को तुड़वा दिया। साथ ही साथ वहां पर मौजूद हेलीकॉप्टर को भी कई बार टक्कर मारी। सीएम खफा होकर सड़क रास्ते ही वह रवाना हुए। इस घटना के बाद कहा जाता है कि पुलिस राजा मान सिंह और उनके दो साथियों का एनकाउंटर कर देती है। आपको बता दे कि बाद में इस घटना की वजह से राजस्थान के मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ती है। आपको बता दें कि यह किसी विधायक एनकाउंटर का पहला मामला था। इसके बाद राजा मानसिंह के दमाद ने डीएसपी समेत 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया और अंततः 35 साल बाद उन्हें जीत मिली। आपको बता दें कि जिन पुलिसवालों को सजा सुनाई गई है उसमें से ज्यादातर 70 साल के उम्र को पार कर चुके हैं। डीएसपी तो 82 साल की उम्र के हैं और उनसे अब सही से चला भी नहीं जाता।