लद्दाख में भारत चीन सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन को हर मौके पर जवाब देने के लिए मोर्चाबंदी कर दी है। जिसके तहत भारत सरकार ने सबसे पहले डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 50 से अधिक चाइनीस ऐप को भारत में प्रति बंद कर दिया था।
साथ ही कई अन्य एप्स को भारत सरकार ने अपनी निगरानी में रखा है। वही अब भारत सरकार ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए एक और बड़ा कदम उठाया है।
केंद्र सरकार ने भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनियों को वाणिज्यिक दोहन के लिए कोयला खदान की जारी नीलामी में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।
आपको बता दें कि, कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए जारी टेंडर दस्तावेज के लिए एक शुद्धिपत्र जारी किया है। जिसमे बताया गया है कि, ऑटोमेटिक रूट के तहत नई गतिविधि में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है, लेकिन भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से निवेश प्रस्तावों को केवल सरकार के रूट से ही स्वीकृत किया जाएगा। इसका मतलब यह होता है कि किसी भी भागीदारी की अनुमति से पहले ऐसे प्रस्तावों को सरकार जांचेगी-परखेगी।
टेंडर दस्तावेज में स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान का कोई नागरिक या पाकिस्तान में निगमीकृत कोई संस्था सिर्फ सरकार के रूट से गुजरने के बाद ही रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा को छोड़कर और विदेशी निवेश के लिए प्रतिबंधित सेक्टर को छोड़कर बाकी सेक्टर में निवेश कर सकती है।
जानकारों की माने तो चीन को यह बड़ा झटका हैं। साथ ही भारत के लगातार कड़े रुख के चलते चीनी समान ओर उससे जुड़ी गतिविधियों पर सरकार लगातार नजर बनाए हुए है।