अमन वर्मा
पिछले 67 दिनों से चल रही सुशांत सिंह राजपूत केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, और अब इस केस की जांच सीबीआई (CBI) करेगी। आपको बता दें कि पिछले 67 दिनों से सुशांत का परिवार और तमाम प्रशंसको के साथ रिपब्लिक और जन की बात की टीम लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। जन की बात की टीम लगभग हर रोज नए तथ्य लेकर आते थे और बताते थे कि कैसे मुंबई पुलिस जांच के साथ खिलवाड़ कर रही है और सबूतों को मुंबई पुलिस के सामने मिटाया जा रहा है। मगर महाराष्ट्र सरकार अपने ज़िद पर अडिग थीं।
अब BMC के कमिश्नर इक़बाल सिंह चहल ने न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए एक बयान में कहा है कि, सीबीआई टीम को जांच के लिए सात दिनों से अधिक समय तक आने पर BMC से छूट के लिए आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें क्वॉरेंटाइन से छूट दे दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि, “अगर सीबीआई की टीम 7 दिनों के लिए आती है, तो उन्हें MCGM के मौजूदा क्वॉरेंटाइन दिशानिर्देशों के अनुसार, अपने साथ अपना रिटर्न टिकट भी लाना होगा। यदि वे 7 दिनों से अधिक समय के लिए आते हैं, तो उन्हें हमारे ईमेल पर छूट के लिए आवेदन करना होगा, हम उन्हें छूट देंगे। ”
आपको बता दें कि BMC ने इससे पहले बिहार सरकार द्वारा भेजे गए IPS अधिकारी विनय तिवारी जों 2 अगस्त को मुंबई पहुंचे थे जांच के लिए उन्हें 6 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था, फिर जब बीएमसी के इस कदम की निन्दा होनी शुरू हुई तब उन्हें क्वॉरेंटाइन से मुक्त कर दिया गया था। आज रिपब्लिक भारत से एक इंटरव्यू में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने भी इस बात का ज़िक्र किया और कहा कि उन्होंने मीडिया में खुल कर तब बोलना शुरू किया जब उनके द्वारा भेजे गए अधिकारियों के साथ मुंबई में बुरा बर्ताव होने लगा।