ऐसा लग रहा है कि मुंबई पुलिस और बीएमसी पूरी तरीके से बॉलीवुड के गुनाहगारों को बचाने में जुटी हुई है। आपको बता दें कि अभी 3 दिन पहले ही अभिनेत्री पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर यौन शोषण का आरोप लगाया था और इसके बाद देश में हंगामा मच गया। ठीक इसके बाद लगातार महिलाओं के पक्ष में बोलने वाली तथाकथित एक्ट्रेस अनुराग कश्यप के ही समर्थन में खड़ी हो गई और पायल घोष से ही सवाल करने लगीं। इन लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया कि पायल घोष क्यों नहीं पुलिस स्टेशन जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा रही हैं। आपको बता दें कि पायल घोष कल यानी 21 सितंबर को ओशिवरा पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज कराने गई, जहां पर पुलिस ने थाने के अंदर उन्हें 2 घंटे तक बैठाए रखा। अंत में पुलिस ने एफआईआर भी अनुराग कश्यप के खिलाफ दर्ज नहीं किया। आपको बता दें कि जब पुलिस से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया तब पुलिस ने कहा कि कोई भी महिला पुलिसकर्मी थाने में नहीं है, इसलिए उनकी एफआईआर अभी नहीं लिखी जा सकती।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आज ही पायल घोष जिस सोसाइटी में रहती हैं उस सोसायट को ही बीएमसी ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया। आपको बता दें कि कंटेनमेंट जोन से कोई व्यक्ति अपने घर से बाहर बिना किसी जरूरी काम के नहीं निकल सकता। सबसे बड़ा सवाल बीएमसी द्वारा घोषित कंटेनमेंट जोन की टाइमिंग पर हो रहा है। जब पायल घोष को थाने जाना था और अनुराग कश्यप के खिलाफ एफआईआर लिखवाना था। ठीक उसके पहले बीएमसी उनके सोसाइटी को कंटेनमेंट जोन घोषित कर देती है और जब 21 सितंबर को पायल घोष एफआईआर लिखवाने के लिए गई थी तब महिला पुलिसकर्मी के ना होने का हवाला देकर पुलिस एफआईआर नहीं दर्ज कर सकती। इससे पता चलता है कि बॉलीवुड माफियाओं की महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस पर पकड़ कितनी तेज है।