असम को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। असम के कद्दावर नेता और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायस (नेडा) के कर्ता-धर्ता हेमंता बिस्वा सरमा को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए ने असम का नया मुख्यमंत्री घोषित किया है। हेमंता बिस्वा सरमा को भाजपा के विधायक दल और एनडीए के विधायक दल ने अपना नेता चुना और उसके बाद हेमंता बिस्वा सरमा का नाम मुख्यमंत्री के लिए घोषित किया गया। हेमंता बिस्वा सरमा असम के जालुकबारी सीट से विधायक चुनकर आए हैं। असम में पिछली सरकार में भी हेमंता बिस्वा सरमा अहम भूमिका अदा कर रहे थे और स्वास्थ्य मंत्री भी थे। जब कोरोना की पहली लहर आई थी उस समय हेमंता बिस्वा सरमा ने काफी अच्छा काम किया था और हर दिन अपने ट्विटर हैंडल पर असाम में कोरोना महामारी को लेकर सारे डाटा डालते रहते हैं। रात को 2-2 बजे भी महामारी के समय एक्टिव दिखते हैं।
जोराहट में जन्मे, कांग्रेस से शुरु हुआ राजनीतिक सफर
हेमंता बिस्वा सरमा का जन्म असम के जोरहाट में 1969 में हुआ। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। साल 2001 से 2015 तक जालुकबारी विधानसभा क्षेत्र से वे कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहें। 2016 में भी जालुकबारी से ही विधायक बन विधानसभा पहुंचे लेकीन इस बार बीजेपी के टिकट पर। हालांकि उन्होंने कांग्रेस को यह कहते हुए छोड़ा था कि उन्हें कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिल रही है। राहुल गांधी से मिलने के लिए कई बार फोन करना पड़ता है फिर भी उन्हें मिलने का समय नहीं मिलता। जबकि तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को उन्होंने एक बार कॉल किया था और तुरंत उन्हें समय मिला था। इससे प्रभावित होकर वह भारतीय जनता पार्टी में आ गए हैं। हेमंता बिस्वा सरमा के बीजेपी में आते ही पार्टी का असम में संगठन काफी मजबूत हो गया। असम में बीजेपी ने 2016 में पहली बार सरकार बनाई। उस जीत में हेमंता बिस्वा सरमा की भूमिका काफ़ी बड़ी थी। धीरे धीरे असम के साथ साथ हेमंता ने नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में बीजेपी के लिए जमीन तैयार की और बीजेपी को सफलता मिलती गई। उन्हें पार्टी ने नेडा यानि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का कन्वीनर बना दिया गया।
यही नहीं जन की बात के एग्जिट पोल में प्रदीप भण्डारी ने हेमंता बिस्वा सरमा से कहा था कि असम में बीजेपी गठबन्धन की 75 सीट आएगी और हेमंता जी अपनी सीट बड़े मार्जिन से जीतेंगे। ये बात सच साबित हुई।