आजकल देश में सोशल मीडिया को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इसी मुद्दे पर प्रदीप भंडारी और इश्करण भंडारी के बीच चर्चा हुई। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने ट्विटर पर भी बोला। उन्होंने कहा कि अगर हम देखें तो ट्विटर भी उन्हीं लोग को तरजीह देता है जो कि लेफ्ट की तरफ झुके हुए हैं। अगर किसी हैंडल को वेरीफाई करना होता है तो ट्विटर इंडिया की कोशिश होती है कि अगर वह व्यक्ति या संस्था लेफ्ट की तरफ झुका हुआ है तो उसे आसानी से वेरिफिकेशन मिल जाए। अगर किसी का लेफ्ट की तरफ झुकाव नहीं है तो उसके लिए काफी दिक्कतें आती हैं। ठीक वैसे ही ट्विटर ने फैक्ट चेकिंग के लिए भी ऐसे लोगों के साथ पार्टनरशिप की है जो कि लेफ्ट की तरफ झुके हुए हैं। देश में कानून सबके लिए एक होने चाहिए।
इसके साथ ही प्रदीप भंडारी ने कहा कि 2020 में यूएस कांग्रेस ने जितने भी बड़े सोशल मीडिया जायंट्स हैं चाहे टि्वटर हो, इंस्टा हो, फेसबुक हो, सबको टेस्टिफाई करने के लिए कहा था और उन्होंने कहा था कि अगर यह टेस्टिफाई नहीं करते तो इनके ऊपर हम दबाव बनाएंगे। साथ ही यूएस कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए ताकि यह लोग चुनाव में कोई मैनिपुलेशन ना कर पाए या उसकी संभावना ना बने। प्रदीप भंडारी ने कहा कि मुझे सबसे बड़ा डर यह है कि 2024 चुनाव के पहले कहीं यह लोग ये न तय करने लगें की किस का ओपिनियन कहां तक जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इन प्लेटफार्म के अंदर अपना पॉलीटिकल एजेंडा चला रहे हैं इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। नहीं तो लगेगा ही नहीं कि इस देश के अंदर कुछ रूल ऑफ लॉ है।
इसके साथ ही साथ प्रदीप भंडारी ने कहा कि भारत सरकार का इस पूरे मुद्दे पर रवैया काफी कमजोर रहा है। भारत सरकार को खुद ही आगे आकर कहना चाहिए कि यह जो आप के ऑफिशियल फैक्टचेकर है इनके लिए यह क्राइटेरिया होगी। प्रदीप भंडारी ने कहा कि यूएस कांग्रेस ने काफी मजबूत स्टैंड लिया। उन्होंने कहा कि देश में फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन होना चाहिए लेकिन इसकी आड़ में पॉलीटिकल एजेंडा नहीं चलना चाहिए। कैंब्रिज एनालिटिका का उदाहरण देते हुए कहा कि यह क्या था। ये इलेक्टोरल प्रोसेस में दखल देता था। आज देश में कोई और सरकार है कल देश में कोई और सरकार होगी और इससे दोनों को नुकसान होगा।
इसके साथ ही प्रदीप भंडारी और इश्करण भंडारी के बीच सोशल मीडिया को लेकर और भी चर्चा हुई। पूरी चर्चा देखने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।