कल उत्तर प्रदेश बीजेपी में एक बड़ी जॉइनिंग हुई। आपको बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद ने कल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली। जितिन प्रसाद लगातार पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और उनकी बात यूपी कांग्रेस में सुनी नहीं जा रही थी। यहां तक खबर यह भी थी कि उनकी बिना किसी जानकारी के शाहजहांपुर का जिला अध्यक्ष कांग्रेस ने बदल दिया था, उससे भी जितिन प्रसाद नाराज थे। लेकीन अब कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली है और उनकी अब यूपी में उनकी नई भूमिका भी होगी। आपको बता दें पूरे मुद्दे पर काफी बहस हो रही है कि क्या ब्राह्मणों को रिझाने के लिए बीजेपी का यह प्रयास है ,क्योंकि यूपी में ब्राह्मण सरकार से नाराज चल रहे हैं। इस पूरे मुद्दे पर जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी और जेकेबी पॉलिटिकल एनालिस्ट नितेश दुबे ने विस्तृत रूप से विश्लेषण किया।
सबसे पहले तो जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने कहा कि कांग्रेस अपने आप को सोचती है कि हम देश पर राज करेंगे लेकिन कांग्रेस अपने ही खेमे को एकजुट नहीं कर पा रही है और बचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ‘आउटसोर्सिंग‘ मॉडल पर चल रही है। वे अपने अभियान को आउटसोर्स करते हैं, वे ट्विटर पर अपनी कहानी को आउटसोर्स करते हैं, वे अपनी रणनीति को कैम्ब्रिज एनालिटिका से आउटसोर्स करते हैं। बहुत जल्द यह आउटसोर्सिंग मॉडल उन्हें पूरी तरह से ‘बाहर‘ कर देगा। प्रदीप भंडारी ने कहा कि बीजेपी के लिए 2022 का उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव करो या मरो वाला चुनाव होगा। क्योंकि बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश काफी महत्वपूर्ण है। यूपी से 80 सीटें आती हैं और अगर बीजेपी वहां पर हारती है तो बीजेपी के लिए 2024 में बड़ी मुसीबतें खड़ी होंगी। इसलिए बीजेपी यूपी को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती है और वहां पर मजबूत रहना चाहती है। जितिन प्रसाद के आने से बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा नहीं होगा लेकिन हां बीजेपी के पक्ष में हवा जरूर बनेगी।
वहीं पर जन की बात के पॉलीटिकल एनालिस्ट नितेश दुबे ने कहा कि यूपी में कांग्रेस के लिए वैसे भी बहुत कुछ नहीं है। जितिन प्रसाद के आने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है लेकिन बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा नहीं होगा, क्योंकि बीजेपी में जितिन प्रसाद से बड़े ब्राह्मण चेहरे यूपी में है। यूपी कांग्रेस को लेकर प्रियंका गांधी भी काफी गंभीर नहीं दिख रही हैं, क्योंकि पिछली बार उन्होंने शायद हाथरस कांड के वक्त यूपी का दौरा किया था। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष से भी कांग्रेस के कई नेता खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं और आने वाले दिनों में पार्टी भी छोड़ सकते हैं।