Voice Of The People

एके शर्मा को बीजेपी उत्तर प्रदेश संगठन में लाने के क्या हैं मायने?

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने का वक्त बचा है इसी के तहत सभी पार्टियां अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व आईएएस ऑफिसर अरविंद कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त कर प्रदेश की राजनीती का सियासी पारा और अधिक बढ़ा दिया है। आपको बता दें एके शर्मा की नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण वर्तमान प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे हैं और ब्राह्मणों को लुभाने के लिए एके शर्मा को वीआरएस दिलाकर प्रदेश की राजनीति में लाया गया था। हाल ही में बीजेपी ने जितिन प्रसाद को भी अपने पाले में शामिल कराया है। कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि ए के शर्मा को कैबिनेट में बड़ा पद दिया जाएगा हालांकि अभी तक इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। एके शर्मा जबसे एमएलसी बने हैं उसके बाद से ही लगातार पूर्वांचल में काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। जब कोरोना को लेकर प्रदेश में ऑक्सीजन संकट आया तब उन्होंने सैकड़ों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पूर्वांचल वासियों को बांटे थे। एके शर्मा बनारस में भी काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और पीएम मोदी के भी करीबी माने जाते हैं।

 

बता दें कि एके शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के अधिकारी रहे हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री समय से ही बेहद करीबी माने जाते हैं। जब नरेंद्र मोदी ने 2001 में मुख्यमंत्री पद संभाला था तभी से एके शर्मा नरेंद्र मोदी के साथ थे पहले वे सीएम कार्यालय में सचिव थे बाद में उन्हें तत्कालीन सीएम का अतिरिक्त प्रमुख सचिव भी बनाया गया था। पीएम मोदी एके शर्मा की कार्यशैली से इस कदर प्रभावित थे कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होनें ए.के शर्मा को पीएमओ में सचिव नियुक्त किया था। लेकिन कुछ महीनों पहले ही एके शर्मा ने पीएमओ से इस्तीफा देकर वीआरएस ले लिया था और यूपी एमएलसी चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन थाम कर सक्रिय राजनीति में अपनी एंट्री की थी। लखनऊ में उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करवाई थी।

आपको बात दें कि बीजेपी ने ए.के शर्मा को यूपी विधान परिषद का सदस्‍य नियुक्त किया था। बता दें कि ए.के शर्मा की नियुक्ति के बाद से ही उनको लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही थी। राजनीतिक जानकारों का मानना था कि पीएम मोदी के करीबी को योगी मंत्रिमंडल में में कोई महत्वपूर्ण पद मिल सकता है लेकिन बीजेपी ने उन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त कर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया।

SHARE
Sombir Sharma
Sombir Sharmahttp://jankibaat.com
Sombir Sharma - Journalist

Must Read

Latest