हर्षित शर्मा
अफगानिस्तान में तालीबान की आतंकी गतविधियों को कवर रहे भारतीय पत्रकार ( photo journalist) दानिश सिद्दीक़ी की मौत की खबर आने के बाद से पूरे देश दानिश की मौत से दुःखी है और साथ ही तालिबान के प्रति इस अमानवीय कार्य के लिए गुस्सा भी पूरे देश में उमड़ रहा था। दानिश सिद्दीक़ी की मौत को प्रारंभिक तौर पर जंग के दौरान क्रॉस फायरिंग में हुई दुर्घटना बताया गया लेकिन देश में इसको लेकर दो तरह की प्रतिक्रियाएं थी। अंतराष्ट्रीय मीडिया सहित देश के बहुत से लोगो का मानना था कि दानिश सिद्दकी की मौत तालीबान द्वारा जान बूझ कर की गई तो वहीं कुछ लोगों ने दानिश सिद्दकी के क्रॉस फायरिंग में मारे जाने की बात को सच माना।
शुक्रवार को सुबह वॉशिंगटन एक्सप्रेस ने दानिष सिद्दकी की मौत का खुलासा किया तो पूरा देश गुस्से से भर गया। वॉशिंगटन एक्सप्रेस ने अपने एक लेख में लिखा कि दानिश सिद्दकी की मौत तालिबान द्वारा जान बूझ करी गईं। दानिश उस समय एक मस्जिद में मौजूद थे जब तालिबान के कुछ आतंकियों को उनके वहां होने की खभर मिली। वॉशिंगटन ने अपने लेख में आगे बताया की तालिबान के आतंकियों ने दानीश के भारतीय होने की पुष्टि की और फिर उन्हें बेहरेमही के साथ गोलियों से भून दिया। दानिश का मुसलमान होना तालिबान के लिए रेहम करने की कोई वजह ना था।
जनता के मुकदमा के दसवें एपिसोड में जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे को देश के सामने रखा। प्रदीप भंडारी ने दानिश की मौत को हादसे बताने वाले फर्जी पत्रकारों से सीधे सवाल किए और उनके दोगलेपन को ललकार। देश की सबसे लोकप्रिय बहस में कुछ बड़े मेहमान भी शामिल रहे। अमेरिकी डिप्लोमेट ज़ैद तरार से प्रदीप ने सीधे तौर पर कुछ बड़े सवाल किए। अफ़गानिस्तान में शान्ति बहाल करने के लिए भारत के रवैये का जिक्र करते हुए जब प्रदीप ने ज़ैद से पुछा कि अमेरिकी सरकार का इसपर क्या विचार है तो जैद ने कहा ” अमेरिकी सरकार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बातचीत से शान्ति बहाल करने वाले तर्क से पूर्ण रूप से सहमत है और हमरा भी यही मानना है कि बातचीत ही एक मात्र सही तरीका है” ।
आज के मुकदमे के अन्य मेहमानो में भाजपा के आर पी सिंह वरिष्ठ पत्रकार वैद प्रताप सिंघ , लेफ्ट नेता सुनीत चोपड़ा और ORF के अध्यक्ष सुशांत शरीन मौजूद रहे। तमाम मेहमानो ने अपने अपने तर्क रखे और एक तीखी बहस करी