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जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस पी वैद ने प्रदीप भंडारी से कहा : अफ़ग़ानिस्तान के मौजूदा हालात का असर कश्मीर में हो सकता है।

खुशी गुप्ता, जन की बात

धारा 370 को हटे अब दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। धारा 370 हटने के बाद से दुश्मनों को घाटी की तरक्की और शान्ति पसंद नही आ रही है और सभी आतंकी संगठन आए दिन घाटी की शान्ति को तोड़ने का प्रयास करते रहते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। बारामूला भारतीय जनता पार्टी की सरपंच नरिंदर कौर के घर पर रविवार कि रात को एक बोम्ब से हमला किया गया। हालिका राहत की बात ये थी कि इस कायराना हमले में कोई घायल नहीं हुआ है। हमले के पीछे किसका हाथ था इस बात की जांच पुलीस ने करने शुरू करदी है। पिछले एक साल में ही भाजपा के नेताओं पर कश्मीर में अनगिनत हमले हुए हैं और कुछ की जान भी गई है। ऐसे में सवाल ये है कि इतने हमले होने के बाद भी भाजपा को क्या अपने नेताओं की सुरक्षा के के इंतजाम नहीं करने चाहिए थे? जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे को पुक्ता रूप से उठाया है और कश्मीर के राष्ट्रवादी नेताओं के जीवन की रक्षा को लेकर एक मुहिम शुरू की है। अब ये मुहिम तब तक नहीं रुकेगी जब तक सरकार नेताओं कि सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती। जनता का मुक़दमा के आज के एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे पर जम्मू कशमीर पुलिस के पूर्व डायरेक्टर जनरल एस पी वैद के साथ बात की और इस मुद्दे पर उनकी राय जानी। प्रदीप ने एस पी वैद से पूछा कि वो तालीबान की हरकतों को और अफ़ग़ानिस्तान की परिस्थिति को केसे देखते हैं और कशमीर के आतंकवाद पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा तो इसपर उन्होंने कहा कि तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में को कुछ कर रहा है उसका असर सीधे तौर पर कश्मीर में पड़ेगा और सरकार को नेताओं और अन्य लोगो की सुरक्षा बढ़ा देनी चाहिए। हम आपको बता दें कि को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना आधिपत्य स्थापित किए अभी एक महीना का भी समय नही हुआ है लेकिन काबुल से आने वाली बर्बरता की तस्वीरें और समाचार भयावह हैं। UNICEF की एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने पहले तीन दिनों अफ़ग़ानिस्तान के 500 से ज्यादा बच्चो कि जान ली है। अफ़ग़निस्तान की महिलाएं तालिबान की बर्बरता का शिकार हो रही हैं। शारिया कानून के तहत महिलाओं पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। हालात बेहद गंभीर और चिंताजनक बने हुए हैं। ऐसे में ये बेहद दुखद है कि भारत के कुछ नेता तालिबान को उसकी इस ओछी हरकत पर बधाई दे रहे हैं , तो वहीं दूसरी ओर आतंकी कश्मीर में नेताओं के ऊपर जानलेवा हमले कर रहे हैं।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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