तोषी मैन्दोला , जन की बात
देश का बहुचर्चित शो “जनता का मुकदमा” में आज का खास कार्यक्रम रहा आस्था के नाम। जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर ना खोलने पर महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा की बार में दारु पीने, स्पा में रिलैक्स करने, दुकान में खरीदारी करना ,मॉल में घूमने, पार्क में खेलने और लोकल ट्रेनों पर यात्रा करने की इजाजत है लेकिन महाराष्ट्र में मंदिर में भगवान के दर्शन करने की इजाजत नहीं है। प्रदीप भंडारी ने महाराष्ट्र सरकार से हिंदू श्रद्धालुओं की तर्ज पर सवाल करते हुए और आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने और हिंदुओं की आवाज दबा रही है। जनता का मुकदमा में आज की दलील रही मंदिर ‘बंद मदिरालय चालू’।
प्रदीप भंडारी ने अपने तीखे अंदाज से महाराष्ट्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि पार्क में खेलने, स्पा सेंटर पर रिलैक्स करने , ट्रेनों पर सफर करने और खरीदारी करने से कोरोना नहीं होगा लेकिन मात्र मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन करने से कोरोना कैसे हो सकता है। शाहीन बाग में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली में प्रदर्शन कर सकते हैं,दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, किसानों को सड़क जाम करने की इजाजत है तब कोरोना गुल हो जाता है लेकिन महाराष्ट्र में मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की इजाजत नहीं है।
आपको बताते चलें कि जन्माष्टमी के मौके पर महाराष्ट्र में हिंदू मंदिर बंद होने की वजह से भाजपा की तरफ से शंखनाद आंदोलन किया गया था जिसके तहत भाजपा की मांग थी कि मंदिर को खोला जाए ताकि श्रद्धालु अपनी आस्था अनुसार दर्शन कर पाए। कार्यक्रम में प्रदीप भंडारी ने कई दलीलें पेश करते हुए कहा कि जब महाकाल मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल से दर्शन किए जा रहे हैं, जब अजमेर शरीफ में प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए दर्शन किए जा सकते हैं, गोल्डन टेंपल में भी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए दर्शन किए जा सकते हैं तो महाराष्ट्र में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दर्शन क्यों नहीं हो सकते। आखिर महाराष्ट्र में धार्मिक,आस्था के स्थानों को क्यों नहीं खोला जा सकता है?
जनता का मुकदमा कार्यक्रम में जनता के वकील बने प्रदीप भंडारी ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि 15 महीने से महाराष्ट्र में मंदिर जाने की मनाही है लेकिन क्या मास्क पहनकर प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर मंदिर को नहीं खोला जा सकता है। क्या मास्क पहनकर महाराष्ट्र में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन नहीं कर सकते हैं? हिंदुओं की भावना को ‘टेकन फॉर ग्रांटेड’ की प्रवृत्ति को बंद होना चाहिए। अगर बाकी जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करके मंदिर जाने की रियायत दी जा सकती हैं तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं।
प्रदीप भंडारी ने ललकारते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भी श्रद्धालुओं को मंदिर में भगवान के दर्शन करने की इजाजत मिलनी चाहिए। जनता के वकील प्रदीप भंडारी नेशनल टेलीविजन इंडिया न्यूज़ पर प्राइम टाइम शो जनता का मुकदमा में महाराष्ट्र में मंदिर खोलो का नारा लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथ लिया। इंडिया न्यूज़ पर आज “जनता का मुकदमा” करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं का मुकदमा है जो मास्क पहन के मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहते हैं।
आपको बताते चलें जनता का मुकदमा का आज 31 वा एपिसोड था जो श्रद्धालुओं की आस्था के नाम रहा। कार्यक्रम के दौरान #ReopenOurTemples भी सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड हुआ। अगर बात की जाए ट्वीटर की तो लगभग 40,000 से ज्यादा बार #ReopenOurTemples को ट्वीट किया गया।