अमन वर्मा , जन की बात
जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने पंजाब चुनाव के पहले बड़ा सर्वे प्रस्तुत किया। आपको बता दें यह सर्वे 27 अगस्त से 3 सितंबर के बीच किया गया है। इस सर्वे के लिए पंजाब के अलग अलग हिस्सों से 10,000 लोगों से राय ली गई है।
इंडिया न्यूज़ – जन की बात चुनावी सर्वेक्षण के अनुसार, पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के आने की सबसे अधिक संभावना है।पंजाब की गद्दी की लड़ाई कांग्रेस और आप के बीच होती दिख रही है, वहीं बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल से बना एनडीए गठबंधन 2022 से पहले टूटने के बाद सत्ता के लिए मैदान पर कहीं दिखती नजर नहीं आ रही है।
मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मजबूत सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में किए गए सर्वे के अनुसार 19% जनता का समर्थन कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जाता दिख रहा है जो कि मुख्यमंत्री चेहरे के अनुसार सबसे अधिक है| वहीं कैप्टन के बाद 17% जनता ने सुखबीर सिंह बादल को मुख्यमंत्री की पहली पसंद बताया है, जबकि कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू को 14% जनता ने अपना समर्थन दिया है| पंजाब में जहां कांग्रेस के खिलाफ आप मुख्य पार्टी के रूप में सामने आयी है, वहीं आप के प्रस्तावित मुख्यमंत्री के उम्मीदवार भगवंत मान को लेकर जनता के बीच असंतोष दिखा पार्टी को जो समर्थन मिल रहा है, उसमे भगवंत मान की वजह से काफी नुकसान होता दिख रहा है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवज्योत सिंह सिद्धू के बीच न खत्म होने वाले झगड़े के साथ इस सत्ता-विरोधी भावना ने आप के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभरने का रास्ता तैयार किया है। जैसा कि आज स्थिति है, सुखबीर सिंह बादल को गांव के इलाकों से अभी भी पहले की तरह समर्थन मेलने के आसार हैं, ये इलाके पहले से उनके मजबूत इलाके माने जाते थे| नवजोत सिंह सिद्दू जिनका नाम इस वक़्त मीडिया में कांग्रेस की तरफ से सबसे ज़्यादा आगे आता दिख रहा है, सर्वे के अनुसार सिद्दू भी जनता के बीच अपनी कुछ खास पकड़ नहीं बना पाए हैं, कैप्टन से मतभेद के बाद सिद्धू की पकड़ और कमजोर होती दिख रही है|
सर्वेक्षण से पता चला है कि आप के पास पंजाब का कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं है, जिसे पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किया जा सके। केवल 6 फीसदी ने पंजाब में आप के चेहरे भगवंत मान को राज्य में मुख्यमंत्री के तौर पर पसंदीदा विकल्प माना है, भगवंत मान से आप को होने वाले नुकसान की एक बड़ी वजह भगवंत मान कि शराबी होने की छवि भी है, जो पंजाब में आप की लुटिया डुबो भी सकती है| मगर अभी भी 44% लोग जिनका वोट अभी अनिर्धारित है, वो आप की तरफ जा सकता है अगर कोई साफ सुथरी छवि के साथ आप का मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनता है।
आपको बता दे कि भाजपा अपने दम पर पंजाब में पिछले लोकसभा चुनाव में 9.63% से अधिक वोट शेयर हासिल नहीं कर पाई है। ऐसे में 2022 में होने वाले चुनाव में क्या होगा ये देखना बड़ी बात होगी| बीजेपी शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के टूटने के बाद बीजेपी जिसे कभी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जैसे दिग्गज नेता का समर्थन प्राप्त था, अब आगामी विधानसभा चुनाव में सिख प्रतिनिधियों को मैदान में लाने के लिए संघर्ष कर रही है। पंजाब इलेक्शन पर अपनी राय बताने के किए आप कू और ट्विटर पर #PunjabSurvey का प्रयोग कर हमें बता सकते हैं|
इसके पहले जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने 19 चुनावों का सटीक आकलन किया है।