Voice Of The People

क्या 68 साल बाद “महाराजा” की हो रही घर वापसी? पढ़िए रिपोर्ट

एक बार फिर से एयर इंडिया अपने असली मालिक के पास जाने वाली है। बता दें कि एयर इंडिया एयरलाइंस को खरीदने के लिए टाटा संस और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने बोली लगाई है। इन दोनों में से किसी एक के पास अब यह एयरलाइन होगी। हालांकि अभी तक एयरलाइन के सौदे को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें यह दावा किया गया कि एयर इंडिया अब टाटा एंड संस की हो गई है। सरकार ने कहा जैसे ही इसके संबंध में कुछ फैसला होता है मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी। बता दें कि बुधवार को टाटा एंड संस और अजय सिंह के प्रतिनिधियों ने बड़े सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की है।

बता दे की रिपोर्ट में दावा किया गया कि टाटा एंड संस ने एयर इंडिया की बोली जीत ली है। हालांकि सरकार ने इस मीडिया रिपोर्ट को गलत कहा और ऐसी खबरों का खंडन किया है। बता दें कि एयर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक एयरलाइन पर 60 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज था जबकि 2021 की पहली तिमाही यानी मार्च तक एयरलाइन को करीब 10 हजार करोड़ का घाटा हो चुका था। बता दें कि एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर 3 वरिष्ठ मंत्रियों का एक पैनल बनाया गया है जो कि इस पूरी प्रक्रिया पर करीब से नजर रख रहा है। इस पैनल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल और एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल है। ऐसा कहा जा रहा है कि एयर इंडिया एयरलाइन का जो भी रिजर्व प्राइस है उससे करीब 3000 करोड़ के अधिक की बोली अजय सिंह ने लगाई है।

 

सन 2000 से बेचने की हो रही कोशिश

बता दें कि एयर इंडिया को बेचने के लिए सन 2000 से ही कोशिश की जा रही है। उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का फैसला किया था। हालांकि तब से लेकर आज तक यह डील नहीं हो पाई। मई 2020 में सरकार ने एयर इंडिया की 40% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था। जबकि 10% हिस्सेदारी शेयर देने के रूप में कर्मचारियों को और 10% हिस्सेदारी शेयर देने के रूप में घरेलू वित्तीय संस्थानों को देने का फैसला किया था। पिछले 21 सालों से एयर इंडिया को बेचने के लिए कई कोशिशें की गई लेकिन आज तक यह कोशिश सफल नहीं हो पाई। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में जल्द ही एयर इंडिया की डील सफल होगी। इसके पहले एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह फैसला कर दिया था कि बोली की तारीख 15 सितंबर 2021 से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। उस वक्त सिर्फ टाटा एंड संस और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने ही बोली लगाई थी।

1932 में हुई थी एयरलाइन की स्थापना

बता दें कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही 1932 में शुरू किया था। टाटा समूह के जेआरडी टाटा ने इसकी स्थापना की थी। उस समय इसका नाम एयर इंडिया सर्विस था। बाद में जब देश को आजादी मिली उस वक्त देश में राष्ट्रीय एयरलाइन की जरूरत महसूस हुई और उसके बाद सरकार ने इसकी 49% हिस्सेदारी खरीद ली।

बता दें कि वर्तमान में एयर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में करीब 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को मैनेज करती है। सन 1963 में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया था।

SHARE

Must Read

Latest