रिषभ सिंह,जन की बात
महापंचायत की तरफ से जंतर-मंतर पर सत्याग्रह की अनुमति मांगी गई है। शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि आप पहले ही शहर का गला घोंट चुके हैं और अब आप शहर के अंदर आना चाहते हैं।
इस दौरान कोर्ट ने रेल एवं सड़क मार्ग को बिगाड़ने के लिए और ट्रैफिक में बाधा पहुंचाने के मुद्दे पर भी किसान महापंचायत की खूब खिंचाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे किसान यातायात में बाधा पहुंचा रहे हैं और ट्रेनों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करके विरोध प्रदर्शन जारी रखा जा रहा है।’ इसके साथ ही किसान महापंचायत से सोमवार को हलफनामा दायर करने को कहा गया है कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करने वाले किसानों के विरोध का हिस्सा नहीं हैं और साथ ही सबसे बुरी बात यह है कि एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है , कि जो अपने आप को किसान मानते हैं और जय जवान जय किसान के नारे देते हैं वह किसान देश के जवान को इंडियन आर्मी को रोकते हुए दिख रहे हैं।
सभी को स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार
बेंच ने कहा, नागरिकों को बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से घूमने का समान अधिकार है और विरोध में उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. कोर्ट ने कहा, संतुलित दृष्टिकोण होना चाहिए. कोर्ट ने कहा, आपको प्रदर्शन का अधिकार है. लेकिन प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान और सुरक्षाकर्मियों पर हमले की अनुमति नहीं दी जा सकती. वहीं, महापंचायत की ओर से पेश वकील अजय चौधरी ने कोर्ट में कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने कहा, हाईवे पुलिस द्वारा बंद किए गए हैं. हमने हाईवे बंद नहीं किए. हमें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था. हम जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि किसान महापंचायत अलग ग्रुप है. यह हाईवे के बंद होने के लिए जिम्मेदार नहीं है.