हर्षित शर्मा ,जन की बात
देवभूमि उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में अब 6 महीने से भी कम का वक्त बचा है। आगामी विधानसभा चुनावों को मध्य नजर रखते हुए जन की बात की टीम ने उत्तराखंड में ग्राउंड पर उतर कर उत्तराखंड की जनता जनार्दन से संवाद किया और जनता का मुंड जानने का प्रयास किया ।प्रदीप भंडारी और उनकी टीम जन की बात ने उत्तराखंड चुनाव के पहले एक बड़ा सर्वे किया। इस सर्वे में जन की बात ने जनता से यह जानने की कोशिश की कि अगर अभी चुनाव होते हैं तो उत्तराखंड की जनता किसे चुनेगी और उत्तराखंड की जनता के लिए क्या-क्या मुख्य मुद्दे हैं? आपको बता दें कि यह सर्वे 20 सितंबर 2021 से लेकर 26 सितंबर 2021 के बीच हुआ। सर्वे के दौरान जन की बात की टीम ने करीब 2000 लोगों से बात की और उसके बाद एक विस्तृत सर्वे प्रस्तुत किया। सर्वे में नौ सवाल पूछे गए और उत्तराखंड की राजनीति की हवा का रुख जानने का प्रयास किया गया।
BREAKING : #JanKiBaatUttarakhandPooll : 45% of the respondents say there is no anti incumbency against the chief minister if elections were to be held today in Uttarakhand. @pradip103
Watch the live video : https://t.co/7DKkODiSst pic.twitter.com/9gRfNSKX88— Jan Ki Baat (@jankibaat1) October 2, 2021
पूछे गए नौ सवालों में से एक महत्वपूर्ण सवाल ये भी था की क्या आज की तिथि में उत्तराखंड में मुख्यमंत्री विरोधी लहर है? इस सवाल के विभिन्न उत्तरों का आंकलन करने के बाद जो परिणाम सामने आए वो कुछ इस प्रकार थे , 45% लोगो ने कहा की वो इस बात से सहमत नही हैं तो वही 36%% लोगो का जवाब हां रहा ,19% लोगो का कहना थी की उन्हे इस विषय पर जानकारी नहीं है। ये परिणाम हालाकि बेहद दिलचस्प भी नजर आ रहे हैं, क्योंकि। प्रदेश में छह महीने से कम समय के अंदर दो मुख्यमंत्री बदले जाने के बावजूद लोगो का भाजपा के मुख्यमंत्री को समर्थन मिल रहा है। अब देखना यही होगा की क्या वाकई में भाजपा सत्ता में वापस आ पाएगी या नहीं?