प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है और इस योजना के तहत 100 लाख करोड़ रुपए की लागत से बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से विकास को गति मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ नई सड़क, रेल और एयरपोर्ट योजनाओं की व्यवस्था को दुरुस्त करना है।
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा। गतिशक्ति महाअभियान के केंद्र में भारत के लोग, भारत की इंडस्ट्री, भारत का व्यापार जगत, भारत के मैन्यूफैक्चरर्स और भारत के किसान हैं। pic.twitter.com/vM2lvdZF8Z
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
इस योजना के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “आज दुर्गाष्टमी है, पूरे देश में आज शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत की गति को शक्ति देगा। अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा।”
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के शुभारंभ के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकताओं से दूर रहा है और उनके घोषणापत्र में भी नजर नहीं आता है। आज तो ऐसी स्थिति है कि कुछ राजनीतिक दल देश के जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में भी गर्व करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले सरकारी अधिकारी ‘कार्य प्रगति पर है’ का बोर्ड लगा देते थे और काम लटका ही रह जाता था। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के चलते प्रोजेक्ट को पूरा होने में काफी वक्त लग जाता था और पैसे का भी दुरुपयोग होता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले सरकारी अधिकारी एक बोर्ड लगा देते थे जिस पर लगा लिखा रहता था ‘कार्य प्रगति पर है’ और फिर काम लटकता ही रहता था। इस लापरवाही के चलते प्रोजेक्ट को पूरा होने में कई कई साल लग जाते थे और पैसे का दुरुपयोग भी अधिक होता था।