विशाल पांडे, जन की बात
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है आपको बता दें कि जब से केंद्र सरकार ने 3 नए कृषि कानून बिल पास किया है उसके बाद से ही राकेश टिकैत और किसानों का कुछ समुदाय इन कृषि कानून बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर,टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर जैसे नेशनल हाईवे को किसानों ने लगभग 9 महीने से ज्यादा समय से बंद करके रखा हुआ है और अपना प्रदर्शन जारी किया हुआ है।किसानों की मांग है कि यह तीनों कृषि कानून बिल वापस हो और एमएसपी की सरकार लिखित में गारंटी दे।
सरकार और किसानों के बीच कई मर्तबा बातचीत हुई लेकिन इन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला और सरकार और किसानों के बीच अनबन लगातार जारी है।इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विटर के माध्यम से 1 नवंबर को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है राकेश टिकैत ने लिखा ‘केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है, उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल पर तंबूओं को मजबूत करेगा’।
जब से किसानों का प्रदर्शन शुरू हुआ उसके बाद से ही राकेश टिकैत के चर्चे भी शुरू हो गए।राकेश टिकैत लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कई बयान देते रहते हैं उन्होंने पहले भी चेतावनी देते हुए कहा था कि,’किसानों को अगर बॉर्डरों से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।’राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार हठधर्मिता छोड़े, वरना संघर्ष और तेज होगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर भी राकेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘गुलाम भारत में सरदार पटेल कहते रहे कि किसानों की आवाज अनसुनी है,पर क्या आजाद भारत में भी देश के किसानों की आवाज सुनी जा रही है? किसानों की ओर से जन्म जयंती पर ‘किसान चिंतक’ लौह पुरुष सरदार पटेल जी को विनम्र श्रद्धांजलि।’