रिषभ सिंह, जन की बात
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की, भारत की आजादी के लिए उनके योगदान की सराहना की थी। इस बयान के बाद बीजेपी ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है।
जिस भारतवर्ष को हम अपनी मां मानते हैं, उस भारत को खंडित करने वाला जिन्ना अखिलेश यादव को भारत की स्वतंत्रता का सेनानी नजर आता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये कौन सा सेक्यूलरिज्म है जो आपको देश के दुश्मनों, देश के गद्दारों की तारीफ़ करने की स्वीकृति देता है? ये कौन सा समाजवाद है जो आपको देश के सबसे बड़े जिहादी खलनायक में भी नायक दिखाने लगता है?
पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना की सराहना करना समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर भारी पड़ गया है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तीखी आलोचना की है। भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा है।भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लौह पुरुष की तुलना जिन्ना से की है। अखिलेश यादव को पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए। जिन्ना ने आजादी से पहले 16 अगस्त 1946 को एक कॉल दिया था। डायरेक्ट ऐक्शन। यह दिन जुमा का था, शुक्रवार का दिन था।’
बीजेपी बोली- माफी मांगे अखिलेश यादव
इससे पहले उत्तर प्रदेश बीजेपी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अखिलेश यादव के भाषण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘अखिलेश मानते हैं कि जिन्ना ने देश को आजादी दिलाई, जबकि सच ये है कि जिन्ना ने देश तोड़कर पाकिस्तान बनाया। क्या अखिलेश यादव देश के टुकड़े करने वाले के साथ हैं’ सरदार पटेल की जयंती पर जिन्ना से प्रेम क्यों पूछ रहा उत्तर प्रदेश। अखिलेश यादव माफी मांगें।’