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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुजरात दौरे पर, कई परियोजनाओ का होगा शुभारंभ

अनुप्रिया, जन की बात

गृह मंत्री अमित शाह अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे पर हैं। वह फ्लाईओवर सहित कई परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए अहमदाबाद पहुंचे है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अहमदाबाद के गोटा क्षेत्र का दौरा करेंगे और शहर में गोटा फ्लाईओवर से साइंस सिटी बॉक्स तक कई फ्लाईओवर और 4.18 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वह गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ भी बैठक करने वाले हैं और वे एक साथ कई अन्य बैठकों में भाग लेंगे। अपने कार्यक्रम के अनुसार, अमित शाह किसानों की आय और भारत आत्मानिर्भर योजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।इससे पहले रविवार को, अमूल के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर, उन्होंने कहा कि अमूल ने वैश्विक डेयरी उद्योग में अपना नाम बनाने में उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की सफलता सरदार वल्लभभाई पटेल सहित कई लोगों के संघर्ष का प्रत्यक्ष परिणाम थी। इस कार्यक्रम को अमित शाह ने आनंद में संबोधित किया था, जिसमें सीएम भूपेंद्र पटेल समेत कई अहम नाम मौजूद थे।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर, यानि 31ऑक्टोबर को उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को यह कहकर श्रद्धांजलि अर्पित की, कि सरदार पटेल ने जीवन भर किसानों के लिए काम किया लेकिन उन्हें वह कभी नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। आजादी के बाद उन्हें भारत रत्न या किसी अन्य मान्यता से भी सम्मानित नहीं किया गया था। लेकिन बादल सूर्य को कब तक छुपा सकते हैं’ आज उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ-साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की मूर्ति से मान्यता भी मिली है।” उन्होंने आगे कहा, “सदियों में केवल एक सरदार पैदा होता है और वह एक सरदार सदियों तक प्रकाश को जीवित रखता है।” उन्होंने लक्षद्वीप की भूमि को सुरक्षित करने के लिए पटेल को भी श्रेय दिया और कहा, “समय के साथ, हम लक्षद्वीप के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को भूल गए। यह वह थे जिसने भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद भारतीय सेना को लक्षद्वीप भेजा था। कुछ समय बाद पाकिस्तानी जहाज भी लक्षद्वीप पहुंच गए थे, हालांकि भारत पहले ही वहां तिरंगा फहरा चुका था। आज लक्षद्वीप का क्षेत्र भारत के समुद्री मार्ग को सुरक्षित करता है।”

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को चिह्नित करने के लिए भारत हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाता है, जिन्होंने 1947 से 1950 तक भारत के पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया और स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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