रिषभ सिंह, जन की बात
कासगंज में पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला गरमा गया है. इसकी आंच पर सियासती रोटियां सेंकने की तैयारी भी होने लगी हैं. यूपी में अपनी दरकती जमीन तलाश रहीं बसपा, कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ सपा को भी इस मामले में बडा अवसर नजर आया है. कांग्रेस की ओर से आनन फानन में अपने लोगों को कासगंज पहुंचने को कहा गया. वहीं सपा ने कल यहां हमलावर होने की तैयारी कर ली है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज में अल्ताफ़ अहमद की हिरासत में मौत का मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. 21 साल के अल्ताफ़ अहमद के पिता ने पुलिस पर उनके बेटे को मारने का आरोप लगाया है. अल्ताफ़ के पिता चाहत मियां के मुताबिक वो खुद अपने बेटे अल्ताफ़ को पुलिस चौकी में छोड़कर आए थे. तब पुलिस ने भरोसा दिया था कि वो पूछताछ करके छोड़ देंगे मगर अब उसकी हत्या कर दी गई है. इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं विपक्षी दल मामले को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं.
कांग्रेस नेता आधी रात ही पहुंच गए
कांग्रेस ने इस मामले में खासी तेजी दिखाई. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम कल मध्य रात्रि को ही एक डेलिगेशन लेकर मृतक के घर पहुंच गए. रात ज्यादा होने की वजह से कांग्रेस के इस डेलिगेशन की मृतक के परिजनों से मुलाकात नहीं हो सकी, पर उन्होंने आधी रात को ही अपनी सियासती रोटियां सेंकने की पूरी तैयारी कर ली थी. यह जानकारी मिली है कि पहले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन बाद में चार लोगों को जाने की अनुमति दी गई. लेकिन पीड़ित परिवार ने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया.
अखिलेश यादव की भी नजर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर अपने पासे फेंकना शुरू कर दिए हैं. उनके निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी का 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल कल कासगंज जाएगा।
मायावती ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा
उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट करके इस मामले पर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि कासगंज में पुलिस कस्टडी में मौत अति-दुखद व शर्मनाक है.