प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर करीब 2 बजे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को और बनारस की तस्वीर को भी बदल देगा। बता दें कि बनारस में पिछले 7 सालों में कई विकास कार्य हुए हैं लेकिन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनारस का कायाकल्प करेगा। आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने से पहले मंदिर गंगा घाट से सीधे दिखाई नहीं देते थे। लेकिन करीब 25 फीट चौड़ा कॉरिडोर गंगा के ललिता घाट को मंदिर परिसर और मंदिर चौक से जोड़ेगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद भक्त सुबह पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हुए मंदिर में भगवान शिव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकता है, क्योंकि मंदिर अब सीधे घाट से दिखाई देगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से पहले मंदिर दर्शन के लिए कई सकरी गलियों से गुजरना पड़ता था। लेकिन कॉरिडोर के बनने के बाद अब घाट से भक्त सीधे मंदिर का दर्शन कर सकेंगे।
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरोद्धार 1669 में अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था, लेकिन उसके बाद पहली बार इतना बड़ा विस्तारीकरण किया जा रहा है। 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट 2 साल 8 महीने में पूरा किया गया है। बताया जाता है कि इस पूरे कॉरिडोर के निर्माण में 350 करोड़ रुपए की लागत आई है। हालांकि अभी तक खर्च के संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।
Tomorrow, 13th December is a landmark day. At a special programme in Kashi, the Shri Kashi Vishwanath Dham project will be inaugurated. This will add to Kashi's spiritual vibrancy. I would urge you all to join tomorrow's programme. https://t.co/DvTrEKfSzk pic.twitter.com/p2zGMZNv2U
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2021
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को तीन भागों में बांटा गया है। पहला मुख्य भाग लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिसमें 4 बड़े बड़े गेट लगाए गए हैं। यहां पर प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है जिस पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं और यहां काशी की महिमा का वर्णन है। कॉरिडोर में 24 भवन भी बनाए जा रहे हैं। इसमें मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक , 3 यात्री सुविधा केंद्र ,चार शॉपिंग कंपलेक्स ,मुमुक्षु भवन, मल्टीपर्पज हॉल, वाराणसी गैलरी ,जलपान केंद्र, गंगा व्यू कैफे आदि होगें। काशी विश्वनाथ धाम की चमक बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की 5000 लाइटें लगाई गई है। इन लाइटों की खास बात यह है कि यह सुबह, दोपहर, रात में समय के अनुसार रंग बदलती रहेंगी।
रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
इसके पहले बनारस के सिगरा में एक रुद्राक्ष सेंटर भी बनाया गया है। इस रुद्राक्ष सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। 150 लोगों की क्षमता के दो मीटिंग हॉल है ,चार ग्रीन रूम है और एक वीआईपी कक्ष है। सेंटर में एक गैलरी भी बनाई गई है जिसमें विश्व प्रदर्शनी की सुविधा है और करीब 3 एकड़ में यह सेंटर फैला हुआ है। रुद्राक्ष सेंटर को बनाने में सीधे शिव और काशी के अध्यात्म को जोड़ा गया है। इस कन्वेंशन सेंटर में 108 रुद्राक्ष के दाने लगाए गए हैं क्योंकि सनातन परंपरा में रुद्राक्ष की माला में 108 रुद्राक्ष के दाने होते हैं।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ बनारस में हुआ है। निश्चित तौर पर पिछले 7 सालों में बनारस की पूरी तस्वीर बदल गई है।