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सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय के घर इनकम टैक्स का छापा, सपा के हंगामे पर बीजेपी बोली – जब भ्रष्टाचारी ‘अपने’ होते हैं तो दर्द तो होगा ही

तोषी, जन की बात

शनिवार सुबह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय के मऊ स्थित आवास पर छापेमारी की गई है। इसके साथ ही आयकर विभाग की टीम ने लखनऊ के जैनेंद्र यादव और मैनपुरी से मनोज यादव के घर पर भी छापेमारी हुई है। यह लोग समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी हैं। छापेमारी के दौरान सपा प्रवक्ता राजीव राय को 2 घंटे तक घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। हालांकि छापेमारी की खबर फैलते ही सपा कार्यकर्ताओं ने राजीव राय के घर के बाहर जमकर हंगामा किया। बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान राजीव राय की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद अधिकारियों ने डॉक्टरों को बुलाया। यूपी के मऊ में राजीव राय के घर पर इनकम टैक्स की रेड सुबह 6:00 बजे से शुरू हुई थी। इसके अलावा अखिलेश यादव के बेहद करीबी और आरसीएल ग्रुप के मालिक मनोज यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। आयकर विभाग के अधिकारी 12 गाड़ियों के काफिले के साथ मनोज यादव के घर पहुंचे थे। राजीव राय पर सपा सरकार में पावर कारपोरेशन के भूमिगत केबिल बिछाने के काम में भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप हैं। विभागीय जांच में दोषी पाए गए थे।

सपा प्रमुख के करीबियों के घर पर आयकर विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी से अखिलेश यादव ने योगी और भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “अभी तो आईटी विभाग दिल्ली से आया है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा ईडी और बाकी एजेंसी भी आएंगी। चुनाव से पहले ही छापेमारी क्यों हो रही है? आईटी डिपार्टमेंट यूपी में चुनाव लड़ने आया है। कोई भी इस सरकार में सुरक्षित नहीं है। आजम खान के खिलाफ भी ऐसे ही कार्यवाही की गई थी। भाजपा कांग्रेस के रास्ते पर चल रही है। कुछ भी हो लेकिन साइकिल की रफ्तार कम नहीं होगी।”

वहीं पर बीजेपी उत्तर प्रदेश के ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट हुआ जिसे इस छापेमारी से जोड़कर बताया जा रहा। यूपी बीजेपी ने आज ट्विट किया कि, “दमदार और ईमानदार सरकारें माफियाओं और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करती हैं। कुछ दल भ्रष्टाचार और माफियाराज का बचाव करते हैं। दोनों में #फर्क_साफ_है

वही पर कुछ देर बाद बीजेपी यूपी के अकाउंट से ट्विट हुआ कि, “अखिलेश जी… जब भ्रष्टाचारी ‘अपने’ होते हैं तो दर्द तो होगा ही। 2017 से पहले जिन काली कमाई करने वाले भ्रष्टाचारियों को आप संरक्षण देते थे। 2017 के बाद योगी सरकार में उनकी कमर टूट रही है।

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