हिमानी जोशी, जन की बात
हिन्दुस्तान में हिंदवी स्वराज एवं हिन्दू पातशाही की गौरवपूर्ण स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के ज्येष्ठ पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज की आज पुण्यतिथि है। शुक्रवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने उन्हें नमन करते हुए कहा की, ‘मैं आज महान हिंदू योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज को उनकी पुण्यतिथि पर हाथ जोड़कर नमन करता हूं, यह हमारे देश का दुर्भाग्य है की हमारे देश को उनकी वीरता के बारे में पता नहीं है.
छत्रपति संभाजी महाराज आखरी दम तक औरंगजेब के सामने झुके नहीं: प्रदीप भंडारी
उन्होंने आगे कहा कि, ‘संभाजी राजे महाराज और उनके मित्र कवि कैलाश आखरी दम तक कट्टरपंथी दानव औरंगजेब के सामने झुके नहीं थे. औरंगजेब ने कवि कैलाश की जीभ तक काट दी थी, संभाजी महाराज की आंखें निकाल दी थी पर आखरी दम तक वह औरंगजेब के सामने झुके नहीं और आखरी सांस तक अपनी धर्म और संस्कृति की रक्षा करी. संभाजी महाराज ने एक पत्र लिखा है, उस पत्र को आज मैं पढ़ना चाहता हूं. यह चिट्ठी उन्होंने जयपुर के महाराज राम सिंह को लिखी थी इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि कैसे राक्षस औरंगजेब को लगता था कि हिंदू कमजोर है. हम इन राक्षसों से आखरी सांस तक लड़ेंगे. यह है दोस्तों हमारा सही इतिहास जो हम को दिखाया नहीं जाता है.
Pradeep Bhandari begins tonight's edition of JANTA KA MUKADMA by paying tribute to the great maratha warrior Chhatrapati Sambhaji Maharaj on his punyathithi.
Watch this clip from Pradeep Bhandari's DALEEL on JANTA KA MUKADMA.#PawarVsTheKashmirFiles@pradip103 @IndiaNews_itv pic.twitter.com/e2rlcvHNNy— Jan Ki Baat (@jankibaat1) April 1, 2022
कौन है छत्रपति संभाजी राजे?
छत्रपति संभाजी राजे (Chhatrapati Sambhaji Raje) मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के ज्येष्ठ पुत्र थे. महज 32 साल की उम्र में मुगल शासक औरंगजेब ने संभाजी महाराज की हत्या कर दी थी. अपने अद्भुत धैर्य, महान पराक्रम और शौर्य का परिचय देने वाले छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को शिवाजी महाराज और उनकी पहली पत्नी सईबाई के घर हुआ था. महज 2 साल की उम्र में उनकी मां सईबाई का निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी दादी जीजाबाई ने ही उनका पालन-पोषण किया. 11 मार्च 1689 को उनका निधन हो गया था, जिसे संभाजी महाराज के बलिदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आज (1 अप्रैल 2022) तिथि के अनुसार, उनकी पुण्यतिथि मनाई जाए।