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‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में क्या बोले पीएम मोदी, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

हिमानी जोशी, जन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परीक्षा पे चर्चा के 5वें संस्‍करण में देशभर के छात्र-छात्राओं को संबोधित किया. यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया जहां छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा बहुत प्रिय कार्यक्रम है, लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया. मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्‍मविश्‍वास पर दिया जोर

पीएम मोदी ने मंच का संचालन करने वाले बच्चों की तारीफ भी की और स्‍टेज पर बुलाकर बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि पूरे कार्यक्रम के दौरान किसी भी छात्र में आत्‍मविश्‍वास की कमी नहीं दिखी. मुझे विश्‍वास है कि ऐसा ही आत्‍मविश्‍वास हर बच्‍चे के भीतर है. पीएम ने अंत में कहा, ‘इस कार्यक्रम से आपको पता नहीं लाभ होता है कि नहीं लेकिन मुझे हमेशा लाभ होता है। यह कार्यक्रम मुझे बढ़ाने और मेरे सामर्थ्य को बढ़ाने के काम आ रहा है. आप सबने मुझे समय दिया इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.’

कभी-कभी खुद का भी एग्जाम लें

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रीप्ले करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी। अनुभव को आत्मसात करने वाले रीप्ले बड़ी आसानी से कर लेते हैं, जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती।

कैसे रखें तनाव को दूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एग्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं.”

बेटे और बेटी में अंतर कम करने का किया आग्रह

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘आज हिंदुस्तान की संसद में आजतक के कालखंड में सबसे अधिक महिला सांसद है। गांव में भी देखा जा रहा है कि पढ़ी लिखी बेटियों को ज्यादा चुना जा रहा है। समाज में भी शिक्षा के प्रति सम्मान का भाव हर स्तर पर नजर आ रहा है। एजुकेशन में देखिए, कभी पुरुष आरक्षण की मांग करेंगे की हमारे लिए सीट रिजर्व होनी चाहिए। पुलिस से लेकर एनसीसी तक हर जगह बेटियां आ रही है। मेरा समाज से आग्रह है कि बेटे बेटियों में अंतर मत कीजिए। बेटा अगर 19 करेगा तो बेटी 20 करेगी.’

सोशल मीडिया और मोबाइल गेमिंग के एडिक्‍शन से कैसे बचें

प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया और मोबाइल गेमिंग के एडिक्‍शन के बचने के भी उपाय हैं. जितना मजा मोबाइल के अंदर या लैपटॉप के अंदर घुसने में है, उतना ही मजा खुद के अंदर घुसने में भी है. छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन रहने के बजाय कुछ देर इनरलाइन भी रहें. एकाग्र होकर पढ़ाई करेंगे तो मोबाइल के एडिक्‍शन से बचे रहेंगे.

बिना खेले कोई खिल नहीं सकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेले बिना कोई खिल नहीं सकता. अपने प्रतिद्वंदी की चुनौतियों का सामना करना हम सीखते हैं. किताबों में जो हम पढ़ते हैं, उसे आसानी से खेल के मैदान से सीखा जा सकता है. हालांकि, अभी तक खेलकूद को शिक्षा से अलग रखा गया. मगर अब बदलाव आ रहा है और जल्‍द और बदलाव आने को तैयार है.

पढ़ाई करने का सही टाइम क्या है?

पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘पहले खुद में आदत डालें कि हमने जिस चीज में आज समय दिया उसका आउटकम मुझे मिला या नहीं. अपने टाइम टेबल में हमें जो कम पसंद है उससे बचने की कोशिश करते हैं. मन चीटिंग करता है कभी-कभी. हमें इस चीटिंग से बचना चाहिए. जो चीज मन को पसंद है हम उसी की तरफ चले जाते हैं. जो जरूरी है उसपर चिपककर रहना चाहिए. मन चीटिंग करे तो उसे खींचकर जरूरी की तरफ ले आओ. पढ़ने का सही टाइम रात है या दिन, यह सबके लिए अलग-अलग है. यह कंफर्ट से जुड़ा है. कंफर्ट ठीक है लेकिन उसमें जरूरी है कि आपको उस अवस्था में किए गए काम का पूरा आउटकम मिले.

पर्यावरण को स्वच्छ और बेहतर कैसे बनाएं?

पीएम ने छात्रों के इस सवाल का स्वागत किया और कहा कि यह परीक्षा से जुड़ा विषय नहीं है। लेकिन परीक्षा के लिए जैसे बेहतर पर्यावरण की जरूरत है वेसै ही पृथ्वी के लिए भी जरूरी है। पीएम मोदी ने देश के बच्चों को धन्यवाद दिया।  उन्होंने कहा कि स्वच्छता की भावना को चार चांद लगाने का काम देश के बालक-बालिकाओं ने किया है। स्वच्छता का सबसे ज्यादा क्रेडिट उन्हें ही जाता है। हमें दुनिया में P3 मूवमेंट चलाने की जरूरत है. यानी प्रो प्लैनेट पीपल (Pro Planet People). यानी प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करने वाले लोगों की जरूरत है.

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