10 अप्रैल को जब मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी मनाई जा रही थी और हिंदुओं के जलूस पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए। उस जलूस में खड़ा हुआ एक 16 साल का लड़का शिवम शुक्ला उस हिंसा का शिकार हो गया। शिवम रामनवमी पर बारात में शामिल हुए थे। यह जश्न कुछ ही मिनटों में परिवार के लिए एक डरावनी कहानी में बदल गया। इंदौर में रात को ही डॉक्टरों ने उसकी सारी जांचें की। परिजन को गोली लगने की आशंका थी लेकिन जांच व ऑपरेशन में नहीं पाई गई। डॉ. ने बताया कि उसके सिर में गहरा घाव है। यह घाव किससे हुआ यह कहना मुश्किल है लेकिन चोट इतनी गहरी है कि सिर की कुछ हडिड्यां टूटकर ब्रेन में चली गई। उस मासूम को 24 घंटों तक होश नही आया था।
जनता का मुकदमा के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इस घटना के ऊपर अपनी आवाज़ उठाई और अपने शो में शिवम के परिवार वालों को बुला कर उनसे पूछताछ की। रिश्तेदारों के मुताबिक जब वहां उपद्रव हो रहा था तो उस दौरान शिवम को गोली लगी थी। उनका यही कहना था कि शिवम जुलूस देखने के लिए जा रहा था अचानक भगदड़ मची और भगदड़ में उसे गोली लगी, उन्होंने बताया कि 17 तारीख को उसकी बहन की शादी थी वो उन्हें कैंसिल करनी पडी। प्रदीप भंडारी ने शिवम और उसके परिवार के लिए मुकदमा लड़ा जिस में उनका यही सवाल था की एक 16 साल का लड़का जो राम नवमी में जुलूस देखने गया था उसका क्या कसूर था। क्या हिंदू होना उसका कसूर था? उन्होंने आगे कहा की वह तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक शिवम और उसके परिवार को इंसाफ नहीं मिल जाता।
उन्होंने एक हैशटैग भी चलाया #justiceforshivam जिस हैशटैग का यूज़ कर जनता ने ट्विटर और कू पर उनका समर्थन किया।
बता दें कि राज्य के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवम के नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हिंसा में शिवम शुक्ला नाम का एक लड़का भी घायल हुआ है। उनका इंदौर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।” उन्होंने कहा कि अन्यथा खरगोन में स्थिति नियंत्रण में है।