बुधवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने फर्जी सेकुलरिज्म मुद्दे पर मुकदमा किया. प्रदीप भंडारी ने कहा कि, मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे देश में हिंदू होना कोई गुनाह है? क्या हिंदू होकर न्याय नहीं मिल सकता? क्या हमारे देश में हिंदू पीड़ित नहीं हो सकता? इस देश के अंदर कुछ नेता , तथाकथित बुद्धिजीवी और सेक्यूलर लोग हैं जिनको सच नहीं दिखता और जिनको हिंदू से एलर्जी है, सेक्युलर होने के बावजूद, यह सब सच्चाई जानते हैं, भले करौली हो या खरगोन पीड़ित हिंदू था. हिंदू ने ना खरगोन और ना करौली में पथराव किया, पर यह लोग एक इस्लामोफोबिया का झूठ फैला रहे हैं और वही स्क्रिप्ट के साथ हमारे देश को बदनाम कर रहे हैं.
'Those spreading the #IslamophobiaLie don't have the courage to talk about 16 year old Shivam.Shivam was injured the violent stone pelting in Khargone during Ram Navami procession. But these frauds won't talk about him' –@pradip103's DALEEL on #IslamophobiaLie on @IndiaNews_itv pic.twitter.com/MNmHd0DZty
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) April 13, 2022
शिवम का बस एक ही गुनाह था कि वह हिंदू था: प्रदीप भंडारी
यह सब लोग चुप हैं पर मैं आज आवाज उठाना चाहता हूं शिवम की, 16 साल का हिंदू लड़का खरगोन के अंदर जिसके हाथ में न तलवार थी, ना पत्थर था, ना ही उसने पुलिस वाले के ऊपर गोली चलाई, उसका बस यही गुनाह था कि वह मासूम खरगोन में रहने वाला हिंदू लड़का था. इन दंगाइयों ने पत्थर से उस पर ऐसे वार किया कि उसके सिर की हड्डियां टूट गई और इस वक्त वह इंदौर के अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है, वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर है उसकी बहन की शादी 16 अप्रैल को होने वाली थी. फर्जी सर्कुलर लोग उसकी बात नहीं करेंगे क्योंकि शिवम पीड़ित था और हिंदू था. ऐसे ही इन्होंने रुपेश पांडे की बात नहीं की थी, दिल्ली दंगों में हिंदू पीड़ितों की बात नहीं की थी, आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की बात नहीं की क्योंकि यह सब हिंदू थे. शिवम तो मासूम था फिर क्यों यह सेक्युलर लोग आवाज नहीं उठा रहे, यह इसलिए नहीं उठा रहे क्योंकि यह इनका एक सोचा समझा षड्यंत्र था जो 12 अप्रैल को इनके व्हाट्सएप ग्रुप में सर्कुलेट हुआ था की देश के अंदर इंडियन मुस्लिम जनोसाइड के नाम से झूठ फैलाओ.
देश से पूछना चाहता हूं क्या शिवम को न्याय नहीं मिल सकता: प्रदीप भंडारी
ऐसे लोग ना देश से प्यार करते हैं, ना मुसलमान से प्यार करते हैं, ना हिंदू से प्यार करते हैं. फर्जी सेकुलर और पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी जैसे लोग चाहते हैं कि इस देश में सामाजिक सद्भाव बिगड़े और चाहते हैं कि मुस्लिम वीटो रहे. अगर यह लोग सच में सेकुलरिज्म की बात कर रहे होते तो कुछ ही समय पहले अकबरुद्दीन ओवैसी जिन्होंने भाषण दिया था कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो हम बता देंगे कैसे 20, 100 के ऊपर भारी होते हैं। इसके खिलाफ यह सेकुलर लोग नहीं बोलेंगे क्योंकि इनके कोट और अनकोट सेकुलरिज्म के अंदर अगर हिंदू पीड़ित होगा तो चलेगा. आज मैं देश से पूछना चाहता हूं क्या शिवम को न्याय नहीं मिल सकता, क्या शिवम के लिए आवाज नहीं उठा सकते. क्योंकि शिवम की बस एक गलती थी कि वह पीड़ित हिंदू था.