मंगलवार को जनता के मुकदमा में प्रदीप भंडारी के साथ भाजपा के फायरब्रांड नेता और सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम ने एक्सक्लुसिव बातचीत की। बातचीत का मुद्दा वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद के ऊपर जो वर्तमान में घटनाक्रम है वो था।
प्रदीप भंडारी ने उनसे सवाल किया कि अगर 1992 में माँ श्रृंगार गौरी मंदिर में पुजा का अधिकार था तो 2022 में क्यूं नहीं होना चाहिये? इसके जवाब में संगीत सोम ने प्रदीप भंडारी से कहा कि यही मैंने बोला है कि अगर 1992 में अधिकार था तो आज क्यूं नही है। आप एक बात सोचिये यहाँ हिंदुस्तान में हर कोई कहता है कि विवादित बयान है, कौनसा विवादित बयान है, मैंने ये बोला है कि जितने भी देश में बाहरी आक्रमण हुए, जो मुगलों का शासन रहा उसमें हज़ारों मंदिरों को ध्वस्त कर दिया और उसका स्वरूप बिगाड़ के उसके ऊपर मस्जिद का आकार दे दिया। आज सर्वे होकर जब वो सही स्वरूप में आ रहे हैं तो उसमें बुराई क्या है।
प्रदीप भंडारी ने अगले सवाल में पूछा कि आपके विरोधी कहते हैं कि आपने साम्प्रदायिक बयान दिया है और वो भी ऐसे समय में जब ये मामला कोर्ट के अंदर चल रहा है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आप ओवैसी से पूछिए उसने कोर्ट पर टिप्पणी की है और कह रहा है कि कोर्ट गलत रास्ता पकड़ रहा है और एक धर्म विशेष का काम कर रहा है। अगर ओवैसी बोले तो सब ठीक और हम बोले तो हमने साम्प्रदायिक बात कर दी, ये बात ठीक नहीं हुई ना ये हिंदुस्तान है पाकिस्तान थोड़े ना है। यहाँ अपनी बात रखने का सबको अधिकार है और हम अपनी बात मजबूती से रखेंगें।
'I have never made a single communal statement in my life. I only speak the truth' – Ex MLA & BJP Leader Sangeet Som tells @pradip103 on JANTA KA MUKADMA on INDIA NEWS.
Watch Pradeep Bhandari question him on #GyanvapiTruthNow debate.#Gyanvapi@SangeetSomBJP @IndiaNews_itv pic.twitter.com/6ZerbPAz4E
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 10, 2022
प्रदीप भंडारी ने आखिरी सवाल में पूछा कि आपके ऊपर ओवैसी के पक्ष के द्वारा आरोप लग रहा है कि आप साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रहें हैं आपका इसपे क्या कहना है? इस सवाल के जवाब में संगीत सोम ने कहा कि मैं कोई साम्प्रदायिक बात नहीं करता हूं। मैं जो सच्चाई है वो कहता हूं और आज भी कहता हूं कि क्यों नहीं भगवान शिव का पूरा परिवार होना चाहिये क्यों नही अगर ज्ञानवापी जो तथाकथित मस्जिद है। अगर वो मंदिर है तो क्यों नहीं होना चाहिये। मुग़लों ने पूरा इतिहास बिगाड़ने का काम किया है तो आज अगर उसे सही स्वरूप दिया जाना चाहिये तो क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।