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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मंदिर पर 365 दिन पूजा करने का अधिकार क्यों नहीं? प्रदीप भंडारी ने पूछा

वाराणसी की पांच महिलाओं ने 18 अगस्त 2021 को बतौर वादी वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना दर्शन-पूजन की मांग सहित अन्य मांगों के साथ एक वाद दर्ज कराया था, जिसको कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अप्रैल 2022 के आदेश के बाद विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर प्रकरण में कोर्ट के आदेश पर 6 मई 2022 से सर्वे और वीडियोग्राफी का काम शुरू हुआ.

मंगलवार को जनता का मुकदमा के प्राइम टाइम शो में प्रदीप भण्डारी ने इसी मुद्दे पर बात की. प्रदीप भंडारी ने कहा कि, ‘यह देश औरंगजेब का नहीं है दोस्तों, यह देश अहिल्याबाई होलकर का है, भगवान श्री राम का है, शिवजी का है और यह देश संविधान से चलता है.

श्रृंगार गौरी मंदिर पर 365 दिन पूजा करने का अधिकार क्यों नहीं?: प्रदीप भंडारी

आज ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे मुद्दा ही नही, मुद्दा यही है कि क्या एक हिंदू को मां श्रृंगार गौरी मंदिर पर 365 दिन पूजा करने का अधिकार क्यों नहीं? आज उसकी अभिव्यक्ति की आजादी में वह पूजा क्यों नहीं कर सकता. यह सब जानते हैं की औरंगजेब ने हमारे मंदिर तोड़े. ज्ञानवापी पर ऐसा क्या डर की फोटोग्राफी बैन है. भगवान नंदी मां का मुख मस्जिद की दिशा में है. सबूत मांगने वालों आपको इससे बड़ा सबूत क्या चाहिए. अगर 1992 तक मां श्रृंगार गौरी के दर्शन करने की अनुमति थी तो 2022 में क्यों नहीं.

औरंगजेब का यह देश अपने पूरे सनातन धरोहर से अस्तित्व मिटा देगा: प्रदीप भंडारी

औरंगजेब के भक्तों सुन लो गुरु तेग बहादुर के सिर को कलम करने वाला गुरु गोविंद सिंह जी के बच्चों को जिंदा दीवारों में चुनवा ने वाला, हिंदू त्योहारों पर रोक लगाने वाला, जजिया लगाने वाला और हजारों मंदिर को तोड़ने वाला, गौ हत्या करने वाला औरंगजेब का यह देश अपने पूरे सनातन धरोहर से अस्तित्व मिटा देगा. औरंगजेब हमारे सनातन संस्कृति का प्रतीक नहीं है.

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