सोमवार को प्रदीप भंडारी ने जनता का मुकदमा में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष,विश्व हिंदू परिषद आलोक कुमार से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
प्रदीप भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद आलोक कुमार से सवाल किया कि, ‘जब वहां पर प्रत्यक्ष रुप से पता चल चुका है कि शिवलिंग है, तो प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट की दुहाई देने वाले लोगों को तो पता होना चाहिए कि एसेंशियल कैरेक्टर तो एक मंदिर का है.?
आलोक कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि,’ यह बिल्कुल सच है क्योंकि ‘जहाँ शिवलिंग है, वो मस्जिद कैसे हो सकता है? वो आज मंदिर है, 1947 में भी मंदिर था. प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट में लिखा है कि 15 अगस्त 1947 को जिस धर्म स्थान की जो प्रकृति थी, वह बदली नहीं जाएगी. तो ज्ञानवापी में, जहां शिवलिंग मिला है उस स्थान को अब मंदिर मानने से कोई इनकार नहीं कर सकता. और मैं प्रतीक्षा कर रहा हूं कोट को भी इसी प्रकार का निर्णय करना होगा’.
'जहां शिवलिंग है, वह मस्जिद कैसे हो सकता है? वह आज मंदिर है, 1947 में भी मंदिर था' –
Alok Kumar, Int'l Working President of VHP tells @pradip103 on #BabaMilGaye in #Gyanvapi debate.
Watch him on JANTA KA MUKADMA on @IndiaNews_itv.@AlokKumarLIVE pic.twitter.com/433eG3XrO2
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 16, 2022
प्रदीप भंडारी ने सवाल किया कि,’असदुद्दीन ओवैसी ने कहा वह किसी भी कीमत पर मस्जिद को जाने नहीं देंगे और सभी मुसलमानों का आवाहन कर रहे हैं कि आप एक मस्जिद खो चुके हैं दूसरी मत खोना इस तरह के भड़काऊ बयान पर आप क्या कहेंगे. ?
आलोक जी ने कहा, ‘मस्जिद का तो सवाल ही नहीं है हम तो जितना हिस्सा शिव मंदिर में साबित हुआ है उसकी बात करें है. ओवैसी और उनके जैसों की यह गर्जना हमने राम जन्मभूमि का फैसला आने से पहले भी सुनी थी. पर मुझे इस देश के लोगों पर विश्वास था. हिंदू हो या मुस्लिम हम सबकी कोर्ट के आदेश पर
श्रद्धा है. जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि का फैसला दिया, तो दोनों पक्षों ने सर झुका कर इस फैसले को स्वीकार किया. मुझे ओवैसी की धमकियों की परवाह नहीं है. अयोध्या फैसले के दौरान ओवैसी जैसे विघटनकारी लोग भारत के सद्भाव को नहीं तोड़ सकते थे, अगर वे इसे फिर से करने की कोशिश करते हैं, तो राज्य उनसे निपटेगा.
'Discovery of Shivling proves Gyanvapi was a temple. I believe Hindus should be allowed to pray to Baba Bholenath at the spot where Shivling was found' – @AlokKumarLIVE , President, VHP speaks to @pradip103 on @IndiaNews_itv.#BabaMilGaye #GyanvapiSurvey @JMukadma pic.twitter.com/w9YLPd4E8J
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प्रदीप भंडारी ने अपने आखिरी सवाल में पूछा कि,’आलोक जी सबूत इतने मजबूत हैं कि कोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश दे दिया है, शिवलिंग वाली जगह को सील कर दिया जाए, सबूत इतने मजबूत होने के बाद विवाद किस बात का?
आलोक कुमार ने जवाब दिया कि,’कोट की एक प्रक्रिया होती है, प्रक्रिया में जो कमिश्नर की रिपोर्ट है उसके कागज दोनों पार्टियों को दिए जाएंगे. कुछ आपत्ति होगी तो उसे लोग लिखकर देंगे और कुछ गवाही होगी. पर आगे का रास्ता मुझे स्पष्ट दिख रहा है परिणाम जो होगा मैं उसके बारे मे आशान्वित हूं. आगे आलोक कुमार ने प्रदीप भंडारी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, ‘शिवलिंग की खोज से सिद्ध होता है कि ज्ञानवापी एक मंदिर था. मेरा मानना है कि हिंदुओं को उस स्थान पर बाबा भोलेनाथ से प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां शिवलिंग मिला था’.