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ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला,शिवलिंग वाली जगह को संरक्षित रखा जाए, नमाज की इजाजत मिले

ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के सर्वे को चुनौती दी थी और उस पर रोक लगाने की मांग की थी. मुस्लिम पक्ष की याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए. लेकिन, अदालत ने यह भी कहा है कि लोगों को नमाज अदा करने से ना रोका जाए. कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 मई मुकर्रर की है.

केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने डीएम वाराणसी को उस परिसर को सील करने का निर्देश दिया जहां शिवलिंग पाया गया था. उसने वजूखाने में प्रवेश प्रतिबंधित क‍िया और कहा कि इसका उपयोग नहीं किया जाएगा. केवल 20 लोगों को प्रार्थना के लिए अनुमति दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर हिंदू याचिकाकर्ताओं और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. इस कोर्ट ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया था. पक्षकारों को 19 मई तक जवाब दाखिल करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है क‍ि डीएम वाराणसी सुनिश्चित करेंगे कि शिवलिंग क्षेत्र की रक्षा की जाएगी. लेकिन, यह मुसलमानों की नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश में बाधा नहीं बनेगी.

3 दिन तक लगातार हुआ सर्वे, कोर्ट ने जगह सील करने को कहा

बता दें कि सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया था. तीसरे दिन हिंदू पक्ष के वकील ने सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा किया है तो वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सर्वे में कोई शिवलिंग नहीं मिला है. दरअसल, हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद तालाब रूपी कुएं में शिवलिंग मिला है. इसके बाद वहां ‘हर हर महादेव’ के नारे भी लगे थे. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल ने बाहर आकर कहा कि अंदर बाबा मिल गए हैं. इस जानकारी के बाद कोर्ट ने जगह सील करने को कहा था.

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