पैगंबर मोहम्मद साहब पर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गई विवादित टिप्पणी के बाद कानपुर में शुक्रवार दोपहर नमाज के बाद नई सड़क पर प्रदर्शन के बाद जमकर बवाल हुआ. दो समुदाय के बीच जमकर पथराव हुआ पथराव में कई गाड़ियां तोड़ दी गई और फायरिंग के साथ बमबाजी भी हुई. पथराव में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. पुलिस अधिकारियों के अनुसार दंगे के पीछे की साजिश में पीएफआई का हाथ है और दंगे का मुख्य आरोपी हयात जफर का भी पीएसआई से कनेक्शन है.
अब इसको लेकर पीएफआई के महासचिव अनीस अहमद का बयान सामने आया हैं. उन्होंने कहा है कि पीएफआई का कानपुर हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. हम कानपुर हिंसा की निंदा करते हैं. पीएफआई के महासचिव का कहना है कि पिछले कुछ सालों से देश में कहीं पर भी सांप्रदायिक हिंसा की घटना होती है तो पीएफआई का नाम हिंसा से जोड़ने की कोशिश की जाती है.
कानपुर हिंसा में PFI कनेक्शन सामने आने के बाद पीएफआई ने भी एक पत्र जारी कर कहा है कानपुर हिंसा से उनका कोई भी संबंध नहीं है. कानपुर हिंसा के बाद मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है, और उनके घरों में बुलडोजर चलाने की धमकी दी जा रही है. पुलिस मुसलमानों के खिलाफ बदले की कार्यवाही कर रही है.
कानपुर हिंसा में पुलिस की कार्यवाही पक्षपात पूर्ण: पॉपुलर फ्रंट#KanpurViolence #PopularFrontofIndia pic.twitter.com/P23dhMTtDy
— Popular Front of India (@PFIOfficial) June 7, 2022