महाराष्ट्र का सियासी घमासान का मैदान अब सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध की है.
सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस, महाराष्ट्र भवन, शिवसेना नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को नोटिस जारी कर 5 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और तथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि फैसले तक कोई फ्लोर टेस्ट नहीं किया जाएगा.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे से पूछा कि उन्होंने और अन्य बागी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ अपनी याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया. इस पर शिंदे के वकील ने कहा कि क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट, अयोग्यता जैसे कई मामलों में आदेश पारित किया था. शिंदे के वकील ने कहा हमारे घरों पर हमला हो रहा है, हमें धमकी दी जा रही है कहा जा रहा है हमारे शव असम से लौटेंगे. मुंबई में अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए माहौल हमारे अनुकूल नहीं है.
Supreme Court issues notice to Deputy Speaker, Secretary of Maharashtra State Legislative Assembly, Centre and others on pleas filed by rebel MLAs against the disqualification notice issued by the Deputy Speaker Narhari Zirwal against Eknath Shinde and 15 other rebel legislators. pic.twitter.com/oYrAKW9CZ4
— ANI (@ANI) June 27, 2022
नीरज किशन कौल ने कहा कि बागी विधायकों के लिए सुरक्षा के मद्देनजर हाईकोर्ट जाना सही नहीं था. कौल ने राउत की धमकी का जिक्र (40 शव पहुंचेंगे वाली) करते हुए कहा कि विधायकों के लिए मुश्किल हालात हैं.