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प्रदीप भंडारी के शो पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का बड़ा बयान, बोले- 15 जुलाई तक महाराष्ट्र में बन सकती है फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार

सोमवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से एक्सक्लूसिव बातचीत की. दरअसल, महाराष्ट्र में सियासी संकट के बाद भी एकनाथ शिंदे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच शह-मात का खेल जारी है. एकनाथ शिंदे शिवसेना के विधायकों को अपने साथ लेकर गुवाहटी में कैंप किए हुए हैं और अब मुंबई वापसी के लिए सियासी जोड़तोड़ बैठाने में जुटे हैं. एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के अध्यक्ष राज ठाकरे से फोन पर बात की है, जिसके चलते शिवसेना के बागी विधायकों के एमएनएस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने प्रदीप भंडारी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि,’जो सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दीया है उसके हिसाब से डिप्टी स्पीकर को किसी को भी सस्पेंड करने का कोई अधिकार नहीं है. यह सरकार ढाई साल में स्पीकर का चुनाव नहीं कर पाई, यह लोग क्या सरकार चलाएंगे और क्या महाराष्ट्र का विकास करेंगे. आपस में झगड़ा करते-करते MVA के ढाई साल चले गए, ये क्या सरकार चलाएंगे.

रामदास आठवले ने आगे कहा कि, ‘बहुमत सिद्ध करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उद्धव ठाकरे के बहुत सारे एमएलए उनके खिलाफ चले गए हैं और महा विकास आघाडी अपना बहुमत खो चुकी है. वह किस मुंह से बोल रहे हैं कि बहुमत दिखाएंगे, जब वोटिंग होगी तब भी शिवसेना के 6-7 एमएलए एकनाथ शिंदे के साथ जुड़ जाएंगे. और सरकार गिर गई तो हमें विश्वास है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार बनेगी.

अगर राज ठाकरे देवेंद्र फडणवीस- एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होते हैं तो हमें कोई समस्या नहीं है. उनका भी स्वागत हम करेंगे बाकी मतभेद के मुद्दे अलग बात है. लेकिन इस मुद्दे पर मैं एकनाथ शिंदे के साथ हूं अगर राज ठाकरे एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हैं तो हम जरूर राज ठाकरे का स्वागत करेंगे.

प्रदीप भंडारी के संजय राउत की धमकी वाले सवाल पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने जवाब दिया कि, संजय राउत जी धमकी देने का काम मत करिए, धमकी देना हमको भी आता है, एकनाथ शिंदे को भी आता है. वो भी बालासाहेब की छत्रछाया में ही बड़े हुए हैं. धमकी देना ठीक नहीं है अगर आप एकनाथ शिंदे और इतने सारे एमएलए को संभाल नहीं पाए, तो उसमें गलती हमारी नहीं है. आप लोगों ने उनकी भावनाओं को ध्यान में रखकर उनको एकजुट करके रखना चाहिए था. जबसे शिवसेना ने निर्णय लिया था संजय राउत के कहने पर उद्धव ठाकरे जी ने कांग्रेस एनसीपी के साथ जाने का. तब से यह फैसला बहुत सारे एमएलए को ना मंजूर था. तबसे इनके मन में नाराजगी चल रही थी और 2.5 साल तक इन्होंने यह नाराजगी बाहर नहीं निकाली. वक्त आने पर एकनाथ शिंदे जी ने जबरदस्त झटका उद्धव सरकार को दिया है.

प्रदीप भंडारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने एक बड़ा बयान दिया है कि, ’15 जुलाई तक महाराष्ट्र में बन सकती है एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के गंठबंधन वाली सरकार’. भले ही शरद पवार राजनीति का गणित अच्छे से जानते हैं, लेकिन उनके इतने विधायक MVA छोड़कर बाहर निकल गए हैं, तो वो कैसे बहुमत साबित करेंगे?

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