रविवार को प्रदीप भंडारी ने अभिनेता आर माधवन की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट पर एक्सक्लूसिव बातचीत की. जहां आर माधवन ने प्रदीप भंडारी को बताया की इस फिल्म को डायरेक्ट करने के पीछे उनकी की क्या मजबूरी थी?
प्रदीप भंडारी के सवालों का जवाब देते हुए अभिनेता आर माधवन ने कहा कि, मैं हैरान था कि नाम्बी नारायण के बारे में कोई नहीं जानता, जो नाम्बी सर को जानते भी थे वह सिर्फ जासूसी केस के लिए जानते हैं, और लोगों को यह भी नहीं पता था कि उनको पद्म भूषण क्यूँ दिया गया. नाम्बी नारायण सर की उपलब्धियां हैरान करने वाली है और उनके के साथ नाइंसाफी, देश से गद्दारी है. और मैं उन गद्दारों का नाम नहीं लेना चाहता था जिन्होंने नाम्बी नारायण जी और हमारे देश के साथ यह सब किया. हमें अभी तक नहीं पता चला कि वह लोग कौन हैं जो देश को पीछे धकेलने वाले हैं जो देश को पीछे करना चाहते हैं. इसीलिए मैंने यह फिल्म की ताकि रॉकेट्री इतिहास में नाम्बी नारायण जी का नाम पता चले.
'जो नंबी सर के साथ हुआ, वो हमारे किसी दुश्मन के साथ भी न हो '- Watch Filmmaker & Actor R.Madhavan speak exclusively to Pradeep Bhandari on India News.#RocketryTheFilm #RocketryTheNambiEffect @pradip103 @IndiaNews_itv @ActorMadhavan pic.twitter.com/kewvbSqi6h
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अमेरिका में रह रहे वैज्ञानिकों का रहन-सहन बहुत अच्छा होता है और उन्हें अपने देश की राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता हैं. हमारे देश के वैज्ञानिक ऋषि मुनियों के जैसे रहते हैं, उनका पारिवारिक जीवन नहीं होता वह 48 घंटे काम करते हैं. नाम्बी सर का भारत में रहना हमारा सौभाग्य है हमारे पास दुनिया के सबसे अच्छे वैज्ञानिक है जो देश के बारे में सोचते हैं, और जो भारत को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं. नाम्बी सर सिर्फ अपने सपनों के पीछे भागते हैं वह एक सच्चे देशभक्त हैं.
नाम्बी सर पर यह आरोप था कि उन्होंने ISRO रॉकेट्री के इंजन पाकिस्तान को बेच दिए इसीलिए उनको गिरफ्तार किया गया, और मारा-पीटा गया. उस वक्त सब नाम्बी नारायण के खिलाफ थे, लेकिन जो आरोप उन पर लगे थे वह टेक्नोलॉजी तो हमारे पास है ही नहीं तो उन्होंने बेचा कैसे उस वक्त यह सबको पता था लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला. नाम्बी नारायण जी की गिरफ्तारी दर्दनाक थी. नाम्बी जी को निर्दोष साबित किया लेकिन आज भी वह एक लड़ाई लड़ रहे हैं, आज भी उनके कसूरवार का पता नहीं है एक निर्दोष ही ऐसी इंसाफ की लड़ाई लड़ सकता है.
'आज तक यह पता नहीं चला किसने नंबी सर को फंसाया और कौन देश को पीछे करना चाहता था'- Watch R Madhavan speak exclusively to Pradeep Bhandari on India News. #RocketryTheNambiEffect #RocketryTheFilm @ActorMadhavan @pradip103 @IndiaNews_itv pic.twitter.com/gqP55XWNP3
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1994 में अमेरिका बिल्कुल नहीं चाह रहा था कि भारत के पास क्रायोजेनिक टेक्नोलॉजी आए. रसिया से जब यहां इंजन हमारे पास आने वाले थे तब अमेरिका ने एड़ी चोटी का जोर लगाया कि यह टेक्नोलॉजी भारत के पास ना आए. अमेरिका उस वक्त बिल्कुल नाखुश था. हम अपने महान वैज्ञानिक को नहीं बचा सकते, दुश्मन के साथ भी ना हो जो नाम्बी सर के साथ हुआ. इस फ़िल्म में कुछ दर्दनाक तथ्य नहीं दिखाए गए कोई और सहन नहीं कर पाता प्रोटोटाइप को. पहले प्रयास में सफलता मिली नाम्बी सर ने देश के लिए बहुत कुछ किया है, फ़िल्म में सबकुछ सच दिखाया गया है.
'1994 में यूएस हमारी स्पेस में तरक्की से खुश नहीं था '- Watch R Madhavan speak exclusively to Pradeep Bhandari on India News on #RocketryTheNambiEffect.#RocketryTheFilm @ActorMadhavan @pradip103 @IndiaNews_itv @JMukadma pic.twitter.com/J3hprsh5e8
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने फ़िल्म का आखिरी पार्ट देखा और उससे देख कर मोदी जी भावुक हुए. उन्होंने कोविड काल में हमें फिल्म रिलीज करने से मना किया था. प्रधानमंत्री मोदी जी नाम्बी नारायण के बड़े प्रशंसक हैं मोदीज भारतीय वैज्ञानिकों को इज्जत करते हैं. मार्स मिशन के बाद भी मोदी जी मेरे साथ बहुत आदर और प्यार से मिले थे.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी खुद नंबी सर के बड़े फैन है, उन्होंने फिल्म का क्लाइमैक्स देखा था '-
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आर माधवन ने प्रदीप भंडारी से कहा कि देश को हमेसा आगे रखना चाहिए,आपकी विचारधारा जो भी है, देश आगे होना चाहिए. देश की सुरक्षा जरूरी है, मध्यम वर्ग को सुरक्षा देना जरूरी है राष्ट्रवादियों की सुरक्षा करनी होगी, आम आदमी का ख्याल हमारा फ़र्ज़ है और कई मुद्दे वैचारिक मतभेद से ऊपर होने चाहिए. देश पश्चिम के हिसाब से नहीं चलेगा राष्ट्र से ऊपर कुछ नहीं