AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बोल फिर एक बार बिगड़े हैं। सावन में कावंड़ियों पर फूल बरसाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पूछा है कि क्या पुष्प वर्षा रेवड़ी कल्चर नहीं है? उन्होंने इसके साथ ही भेदभाव का आरोप लगाते हुए पूछा है कि एक पक्ष के लिए मोहब्बत तो दूजे के लिए नफरत क्यों अपनाई जा रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि अगर कावंड़ियों पर फूल बरसाए जा रहे हैं, तब कम से कम उन लोगों (मुस्लिमों) के घर तो न तोड़े जाएं। ये बातें असदुद्दीन ओवैसी ने इसी बातों से जुड़ी खबरें शेयर करते हुए टि्वटर के जरिए कहीं।
ओवैसी ने ट्वीट किया, “पुलिस ने पंखुड़ियों की बौछार कीं। कांवड़ियों का झंडों से “इस्तक़बाल” किया। उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफकत से पेश आई। दिल्ली पुलिस ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज न हो जाएं। उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।”
पुलिस ने पंखुड़ियां बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से "इस्तक़बाल" किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए। @DelhiPolice ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं, उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी। 1/n https://t.co/17cH4tvQUO
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 26, 2022
अगले ट्वीट के जरिए वह बोले- कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोजर क्यों? अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोड़िए।
ओवैसी के बयान पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी का बयान घटिया सोच है, यूपी में सभी धर्मों के लिए उचित स्थान है। कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है और इस पर किसी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। ओवैसी जैसे लोगों को जगह न दें।
भाजपा के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने जवाब देते हुए ट्विट किया कि पूछ रहे कि कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा का पैसा कहाँ से आ रहा,ये भी भला सवाल है,पैसा तो वहीं से आ रहा जहां से हजयात्रियों और हजहाउसों के लिए आता था,पैसा वहीं से आ रहा जहां से मुफ़्त की रोज़ा इफ़्तारी के लिए आता था,पैसा वहीं से आ रहा जहां से मदरसों की इस्लामिक तालीम के लिए आता था।
पूछ रहे कि कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा का पैसा कहाँ से आ रहा,ये भी भला सवाल है,पैसा तो वहीं से आ रहा जहां से हजयात्रियों और हजहाउसों के लिए आता था,पैसा वहीं से आ रहा जहां से मुफ़्त की रोज़ा इफ़्तारी के लिए आता था,पैसा वहीं से आ रहा जहां से मदरसों की इस्लामिक तालीम के लिए आता था 😊
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) July 27, 2022