दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास सहित दिल्ली-एनसीआर में 31 स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। यह कार्रवाई आबकारी नीति मामले में हो रही है और सीबीआई की कार्रवाई पिछले 12 घंटे से जारी है।सीबीआई की ये कार्रवाई दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी को लेकर है।
शुक्रवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने इसी शराब नीति घोटाला मामले पर मुकदमा किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा है कि, सुबह 6 बजे से – सीबीआई के अधिकारी शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर छापेमारी कर रही है। मनीष सिसोदिया पर शराब माफिया के पक्ष में शराब नीति को मनमाने ढंग से बदलने, कमीशन कमाने और अंततः सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप है। 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव को मिलाकर अब तक 31 स्थानों पर सुबह से जबरदस्त छापेमारी जारी है। सीबीआई ने 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें केजरीवाल के डिप्टी सीएम मानिस सिसोदिया आरोपी नंबर 1 है और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के भी नाम हैं।
प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि, अब तक, हम सुन रहे हैं कि सीबीआई ने महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल कर लिए हैं, सिसोदिया का फोन और उनके परिवार के सदस्यों के फोन जब्त कर लिए हैं और CBI उनकी कारों की तलाशी भी ले रही है। छापेमारी अभी भी जारी है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि ये छापेमारी इसलिए हो रही है क्योंकि अमेरिका के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने पहले पन्ने में मनीष सिसोदिया और दिल्ली एजुकेशन मॉडल की तारीफ की है। आप का मानना है कि ये छापेमारी इसलिए हो रही है क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने अपनी ‘मेक इंडिया नंबर 1’ पिच से देश में तूफान ला दिया है और वह 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रबल दावेदार हैं।
'Did #ManishSisodia favour liquour lobby & gain financially from it? Or is the CBI raid against him politically motivated?' –
Pradeep Bhandari's DALEEL on #SisodiaRaided debate on @JMukadma on @IndiaNews_itv.#ArvindKejriwal #DelhiExcisePolicy #CBIRaid @pradip103 pic.twitter.com/Vw8vRi06Rt
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) August 19, 2022
लेकिन मैं तथ्य पर आना चाहता हूं – क्या वास्तव में भ्रष्टाचार हुआ था या ये छापे मारी राजनीति से प्रेरित हैं? क्या वास्तव में शराब नीति में कोई घोटाला हुआ था या फिर छापेमारी के पीछे कोई बड़ा मकसद है?
दूसरा सवाल क्या आप सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया, अगर उसे कोई समस्या नहीं थी? क्या इसी नीति के कारण सरकारी खजाने को नुकसान हुआ या यह कोविड के दौरान आर्थिक गिरावट के कारण था?
तीसरा सवाल, क्या भाजपा वास्तव में अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से डरी हुई है या क्या मनीष सिसोदिया ने कुछ निजी खिलाड़ियों के पक्ष में शराब नीति बदल दी है? ये बदले की राजनीति है या भ्रष्टाचार था?