दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (31 अगस्त 2022) को ‘दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल’ की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि यह देश का पहला वर्चुअल स्कूल है। उन्होंने इसे क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा था कि इसके जरिये अब देश के ऐसे बच्चे शिक्षा हासिल करेंगे जो किसी भी वजह से स्कूल नहीं जा पाते।
लेकिन अरविंद केजरीवाल के इस दावे को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सिरे से नकार दिया है। धर्मेंद्र प्रधान ने एक ट्वीट के जरिए अरविंद केजरीवाल को जवाब दिया है।
3-9 वर्ष के 7.5 करोड़ छात्रों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित में निपुण बनाने के लिए ई संसाधन हों या शिक्षक और शिक्षार्थी की दूरी को कम करने तथा छात्रों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने कि दिशा में शुरू हुए वर्चूअल स्कूल यह सब मोदी सरकार की शिक्षा की ओर प्रतिबद्धता को दृष्टिगत करता है। pic.twitter.com/42TEso0lFl
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 24, 2021
उन्होंने कहा है, “3-9 वर्ष के 7.5 करोड़ छात्रों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित में निपुण बनाने के लिए ई संसाधन हों या शिक्षक और शिक्षार्थी की दूरी को कम करने तथा छात्रों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने कि दिशा में शुरू हुए वर्चूअल स्कूल यह सब मोदी सरकार की शिक्षा की ओर प्रतिबद्धता को दृष्टिगत करता है।”
NIOS ने क्या कहा?
केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद NIOS का एक ट्वीट आया. इसमें कहा गया,
“कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि भारत का पहला वर्चुअल स्कूल आज लॉन्च हुआ है। इस संबंध में ये सूचित किया जाता है कि NIOS द्वारा अगस्त 2021 में ही देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत कर दी गई थी।”
With reference to certain media reports regarding the claims of India’s first virtual school being launched today. It is informed that the first virtual school of the country was already launched by NIOS in August 2021@dpradhanbjp@Annapurna4BJP@Drsubhassarkar @RanjanRajkuma11 pic.twitter.com/3Yq0N6oVRP
— NIOS (@niostwit) August 31, 2022
एनआईओएस का कहना है कि देश का पहला वर्चुअल स्कूल पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। मीडिया में कुछ दावों के संबंध में एनआईओएस का कहना है कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि देश का पहला इस तरह का स्कूल शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुरू किया था। एनआईओएस का कहना है कि देश में इस समय करीब 7000 स्टडी सेंटर उससे संबंधित हैं। इन सेंटर के जरिए छात्रों को एकेडिमिक्स मदद दिया जाता है। इसके साथ ही 1500 स्टडी सेंटर के जरिए स्किल डेवलपमेंट में मदद की जाती है। और यह सब काम वर्चुअल तरीके से किया जाता है।