ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में वाराणसी जिला कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला सुना दिया है.कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लायक माना है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि मामला ‘जटिल’ और ‘संवेदनशील’ है, इसलिए इसकी सुनवाई 25-30 साल का अनुभव रखने वाले जज को करनी चाहिए. पिछले महीने जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ज्ञानवापी (Gyanvapi) पर फैसला आने से पहले मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद (Mohd Tauheed) ने कहा है कि उनके लिए हाईकोर्ट के दरवाजे खुले हुए हैं.
मुस्लिम वकील ने क्या कहा?
ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद से जब ये पूछा गया कि अगर कोर्ट का फैसला आपके पक्ष में नहीं आया तो आप क्या करेंगे. इसपर वकील मोहम्मद तौहीद ने कहा कि अभी तो फैसले का इंतजार है. अगर कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में नहीं आएगा तो हम हाईकोर्ट जाएंगे.
ऑर्डर 7 रूल नंबर 11 के आधार पर फैसला
यह आदेश ऑर्डर 7 रूल नंबर 11 के आधार पर दिया गया। इसको यदि आसान भाषा में समझा जाए, तो इसके तहत कोर्ट किसी केस में तथ्यों की मेरिट पर विचार करने के बजाए सबसे पहले ये तय किया जाता है कि क्या याचिका सुनवाई करने लायक है भी या नहीं। रूल 7 के तहत कई वजह है, जिनके आधार पर कोर्ट शुरुआत में ही याचिका को खारिज कर देता है।