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महाराष्ट्र के सांगली में पालघर जैसी घटना होते होते टली, पुलिस के सतर्कता से बची साधुओं की जान

महाराष्ट्र के सांगली जिले में पालघर जैसी घटना के लगभग फिर से शुरू होने पर, मंगलवार को भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में चार साधुओं के साथ मारपीट की।

हालांकि, साधुओं ने मंगलवार को हुई इस घटना पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जबकि ​​इसका वीडियो भी वायरल हो गया। सांगली के SP दीक्षित गेदम ने कहा कि हमें कोई शिकायत या औपचारिक रिपोर्ट नहीं मिली है। लेकिन वायरल वीडियो और तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं। आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह घटना जाट तहसील के लवंगा गांव की है, जब उत्तर प्रदेश के रहने वाले चार लोग एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर शहर की ओर जा रहे थे। पुलिस वालों के मुताबिक वो चार लोग सोमवार को गांव के एक मंदिर में रुके थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्रा शुरू करते समय उन्होंने एक लड़के से दिशा-निर्देश मांगा था।

इससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा थे। अधिकारियों ने कहा कि वादविवाद काफी हो रहा था। यह तेजी से बढ़ गया और स्थानीय लोगों ने साधुओं को लाठियों से पीटा।

पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और पाया कि साधु उत्तर प्रदेश में एक ‘अखाड़े’ के सदस्य थे। 16 अप्रैल 2020 को जूना अखाड़े के दो साधुओं को उनके 30 वर्षीय ड्राइवर के साथ महाराष्ट्र के पालघर जिले में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। वे गुजरात के सूरत जा रहे थे, जब 100 से अधिक लोगों की उन्मादी भीड़ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला।

पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की या साधुओं को बचाने के लिए कुछ नहीं किया मगर इस बार पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए मामले को शांत कराया और एक बड़ी घटना होने से टल गई।

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