मंगलवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने LJP अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान से बिहार को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की।
प्रदीप भंडारी ने एक्सक्लूसिव बातचीत में चिराग पासवान से सवाल किया कि, ऑपरेशन ऑक्टोपस पीएफआई पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है – आज दूसरे दौर में – कई छापे मारे गए – सूत्रों का कहना है कि 270 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। राउंड 1 में पूर्णिया में भी छापेमारी की गई। लेकिन, नितीश कुमार छापेमारी पर पूरी तरह से खामोश हैं। आपको क्यों लगता है कि वह पीएफआई कार्रवाई पर चुप हैं?
चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को लेकर कहा कि कहीं ना कहीं चुप्पी साधना भी समर्थन देने के बराबर होता है, ये तमाम बातें जांच का विषय है अगर कारवाही में देश विरोधी और आतंकवाद से जुड़ी बातें सामने आती है तो ऐसे मुद्दों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का खामोश रहना समर्थन करना है, और ऐसा करके वह असामाजिक तत्वों का संरक्षण करने का प्रयास कर रहे हैं जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। अगर जांच में देश विरोधी गतिविधियों के बारे में कुछ भी निकले तो मेरा यह मानना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की इस पहल का साथ देना चाहिए।
चिराग पासवान ने प्रदीप भंडारी से आगे कहा कि, देश के गृह मंत्री अमित शाह अगर हमारे प्रदेश की सुरक्षा के लिए सहयोग देना चाह रहे हैं तो मुझे लगता है यह तो खुशी की बात होनी चाहिए हमारे प्रदेश के लिए और मुख्यमंत्री के लिए जो बिहार के गृह मंत्री भी हैं। सीमावर्ती इलाकों में हमेशा घुसपैठ की वारदात हमें सुनाई देती है और हमारे संज्ञान में आती है ऐसे में जरूरी है कि केंद्रीय जांच एजेंसी और गृहमंत्री मंत्री इसका संज्ञान लें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार वोट बैंक की राजनीति करने और अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश की सुरक्षा के साथ समझौता किया है। प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों पर भी नीतीश कुमार ने चुप्पी साधी है कहीं ना कहीं यह चुप्पी उन असामाजिक तत्वों को समर्थन देती है जो जिन्होंने हमारे प्रदेश में अपराधियों को देश के अंदर सबसे चरम सीमा पर पहुंचा दिया है।
प्रदीप भंडारी ने आगे सवाल पूछा कि हाल ही में एक वरिष्ठ राजद नेता ने कहा कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे महाराष्ट्र में पीएफआई समर्थकों द्वारा कथित तौर पर लगाए गए आपत्तिजनक नहीं हैं। राजद को आपका क्या संदेश है?
चिराग पासवान ने कहा कि, इस बयान की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है देश में किसी भी अन्य देश के जिंदाबाद के नारे नहीं लगने चाहिए जो नेता और राजनीतिक दल पाकिस्तान जिंदाबाद वाले नारों का समर्थन करते हैं वह कहीं ना कहीं अपने देश को अलगाववाद की तरफ देश को धकेलने का काम करते हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी भारतीय और देशभक्त इस तरह की के बयानों का समर्थन करेगा। मैं अपनी पार्टी की तरफ से राजद के नेता के इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं