नरेंद्र मोदी ने 21 साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। नरेंद्र मोदी को जब गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब वे गुजरात विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे। मुख्यमंत्री बनने के चार महीने बाद जनवरी, 2002 में उन्होंने गुजरात विधानसभा में जाने के लिए राजकोट-2 से चुनाव लड़ा था। इसके बाद वे विधायक बने और फिर 2002 के चुनावों को जीतकर फिर से मुख्यमंत्री।
देश में सबसे अधिक समय तक पद पर रहने वाले प्रधानमंत्रियों में उनका स्थान चौथे नंबर पर है। बता दें कि जवाहर लाल नेहरू 16 साल 208 दिन, इंदिरा गांधी 15 साल 350, मनमोहन सिंह 10 साल 4 दिन तक पीएम रहे थे।
मोदी का सियासी सफर 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ से आरंभ हुआ था। वे 51 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बने। वे गुजरात में लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीतकर साढ़े 12 वर्ष मुख्यमंत्री के पद पर रहे और फिर अब आठ वर्ष से ज्यादा समय से वे देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज हैं। इस तरह उन्होंने केन्द्र की सत्ता में 100 महीने से ज्यादा समय पूरे कर लिए। 30 वर्षों में किसी को बहुमत नहीं मिल सका था ऐसे में 2014 में मोदी ने बहुमत वाली सरकार बनाई। इसके बाद वे 2019 में भी सत्ता कायम रखी।
आयोजन भव्य बनाने और उसके जरिए राजनीतिक संदेश देने में माहिर
पीएम मोदी अपने जादुई भाषणों से किसी भी समानायत कार्यक्रम को बड़े इवेंट में बदलने की खास काबिलियत रखते है। उनके भाषणों में जिस तरह का संदेश देश की जनता के लिए होता है वो सीधा लोगो के बीच जाता है।
मोदी के काम करने का अंदाज
मोदी के काम करने का अंदाज विश्व प्रसिद्ध है। देश के तमाम छोटे-बड़े राजनेता व वैश्विक पटल पर दुनिया के तमाम बड़े नेता भी मोदी के इस कार्य करने के अंदाज से काफी प्रभावित होते आ रहे हैं।
चुनाव कोई भी हो नतीजे आने के बाद भी तैयारी रुकनी नहीं चाहिए
पीएम मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस बात की लिए मोटिवेट किया की चुनाव का परिणाम जो भी हो परिश्रम और जनता के साथ जुड़ाव को कम ना किया जाए.. चुनाव परिणामों की चिंता किए बिना लगातार अपने लक्ष्य के प्रति कार्य करते रहें।