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प्रदीप भंडारी के शो जनता का मुकदमा का बड़ा असर: सुशांत सिंह राजपूत मामले में गवाह रूपकुमार शाह को मिली पुलिस सुरक्षा

प्रदीप भंडारी के शो जनता का मुकदमा के मुहीम का हुआ बड़ा असर। कूपर हॉस्पिटल के शवगृह में काम करने वाले रूपकुमार शाह को मिली पुलिस सुरक्षा।

शो के दौरान प्रदीप भंडारी से बात करते हुए रूपकुमार शाह ने सुशांत सिंह राजपूत के पोस्टमार्टम को लेकर कई बड़े खुलासे किए थे, इंडिया न्यूज़ पर रूपकुमार ने बताया था कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की थी, ऐसा लग रहा था उनकी हत्या की गई है।

रूपकुमार ने इंडिया न्यूज़ पर प्रदीप भंडारी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया था की ‘मुझे सुशांत की बॉडी देखते ही शंका हुई की ये सुसाइड नहीं है, लेकिन जब मैंने अपने सीनियर्स से बात की तो उन्होंने बोलै तुम तुम्हारा काम करो, हम हमारा काम करेंगे, कयोंकि जब कोई फांसी लगता है तो वो नीचे से ऊपर की और मार्किंग आता है और एक ही मार्किंग आती है और उसकी मोटाई भी काम दिखती है’

आगे शाह ने बताया था की ‘सुशांत का पोस्टमार्टम रात में चालू हुआ था लेकिन उसकी कोई विडिओग्राफी या फोटोग्राफी नहीं हुई थी, उस वक़्त हमारे इंचार्ज और चार पांच डॉक्टर्स की टीम थी जिन्होंने पीपीई किट डाली हुई थी, लेकिन किसी ने भी पोस्टमार्टम की फोटोग्राफी करने की पहल नहीं की. सुशांत की बॉडी में हाथ, पैर और पीठ पर चोट के निशान थे, सुशांत के सीधे हाथ पर फैक्चर के निशान भी थे’।

रूप कुमार ने प्रदीप भंडारी को ये भी बताया था की सुशांत की एक आँख पर भी गंभीर चोंट के निशान थे, वो चोंट ऐसी थी जैसे किसी फाइटर ने उसे मारा हो, अगर इसकी फोटो ली गयी हो तो उसमे देखने पर साफ़ हो जायेगा की कहाँ कहाँ चोंट थी सुशांत के शरीर पर. सुशांत के गले पर जो निशान थे वो फांसी लगाने के नहीं थे, बल्कि वो निशान ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने उसका गाला दबाया हो।

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