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मां का अंतिम संस्कार करके कर्तव्य पथ पर निकले ‘कर्मयोगी’: प्रदीप भंडारी ने पीएम मोदी की मां हीराबेन को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

शुक्रवार को अपने शो जनता का मुकदमा पर शो के होस्ट प्रदीप भंडारी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के निधन और अंतिम दिन पर पीएम मोदी और उनके रिश्ते को याद किया।

प्रदीप भंडारी ने कहा कि, आज पूरे देश में शोक की लहर है, और हो भी क्यों ना क्योंकि आज एक ऐसी मां हमें छोड़कर इस दुनिया से चली गई है जिसने इस देश को एक ऐसा बेटा दिया जिसके लिए राष्ट्रीय सबसे पहले है, जिसके लिए कर्तव्य सबसे पहले है, जिसके लिए उसकी मां के संस्कार सबसे पहले हैं।

हीराबेन का जाना ना सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपूरणीय और अविश्वसनीय कष्ट है बल्कि पूरे देश के लिए यह एक बेहद दुखद और भावुक दिन है। हीराबेन का बेटा भले ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधान सेवक हो, भले ही उसके बेटे को पूरे विश्व में लोग प्यार करते हैं, उसे पसंद करते हो लेकिन हीराबेन उम्र भर उच्च मूल्यों वाली एक सामान्य मां रही। उनके रहन-सहन उनके पहनावे उनके खानपान और बोलचाल में हमेशा ही एक सरलता रही है।

उनका स्वभाव उतना ही सरल था जितना कि किसी आम मां का होता है वह हमेशा ही अपने लाडले बेटे मोदी से उसी तरह दुलार करती थी जैसे एक आम घर की मां अपने बच्चे से करती है। हीराबेन ने हमेशा पीएम मोदी को छोटे बच्चे जैसा ही प्रेम किया, फिर भले ही वह बच्चा 2002 में पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बना हो, या 2014 में प्रधानमंत्री। हीराबेन ने हमेशा पीएम मोदी को एक सामान्य बेटे जैसा ही दुलार किया है।

प्रधानमंत्री मोदी जब भी हीराबा से मिलने जाते थे हीराबा हमेशा उन्हें अपने सीने से ऐसे लगाती थी जैसे कोई मां अपने नवजात बच्चे को लगाती है। जब भी पीएम मोदी उनके पास पहुंचते थे तो वह एक फिक्रमंद मां की तरह पीएम मोदी के चेहरे को छूकर देखती थी, उनके पूरे शरीर पर हाथ फेर कर उनका हालचाल लेती थी उनके माथे पर हमेशा हाथ रखती थी इतना ही नहीं पीएम मोदी जब हीराबा से मिलते थे तो वह उनके कंधे पर हाथ रखकर ऐसे बातें करते थे जैसे कि एक दोस्त दूसरे दोस्त से करता है।

पीएम मोदी भले ही अपनी मां की सिखाई सीख पर चलकर और अपनी मेहनत लगन और कर्तव्यनिष्ठा से देश के प्रधानमंत्री बन गए लेकिन उनकी मां हीराबेन हमेशा से ही एक सामान्य माहिती जिसने अपने बेटे को अपने पूरे जीवन में यही सीख दी कि अपने कर्तव्यों के पालन में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए और आज पीएम मोदी जब अपनी मां को मुखाग्नि देने के बाद अपनी मीटिंग और वंदे भारत को हरी झंडी दिखाने के लिए निकल पड़ते हैं, तो लगता है मां हीराबेन की दी हुई शिक्षाएं सफल हो गई।

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा की,  आज मैं इंडिया न्यूज़ और पूरे देश की तरफ से तपस्वी मां को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और नमन करता हूं उस कर्म योगी बेटे नरेंद्र मोदी को जिन्होंने आज अपने कंधों पर दुनिया का सबसे बड़ा भार उठाने के बावजूद राष्ट्रीय को सर्वप्रथम रखा है।

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