संजीव सान्याल ने जनता का मुकदमा प्रोग्राम में प्रदीप भंडारी के साथ अपनी किताब के बारे में बताते हुए इतिहास के पन्नों पर पलटते हुए कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की उन्होंने कहा कियह ऐतिहासिक तथ्य है कि एक अंग्रेज ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा की यह भी एक ऐतिहासिक तथ्य है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एक सुरक्षा दीवार के रूप में बनाया गया था. एओ ह्यूम जैसे अंग्रेज की प्रशंसा क्यों की गई. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में लिखने वाले अंग्रेजों के सहयोगी थे. बहुत से सहयोगी आगे चलकर हमारा बुद्धिजीवी वर्ग बन गया.
चर्चा आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा इतिहासकार, स्वतंत्रता आंदोलन के बाद की पहली दो पीढ़ियों के सिविल सेवक उन लोगों में से नहीं थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। वे इतिहासकार चाहते थे आजादी की लड़ाई की एक अलग कहानी हो जो उनके अनुसार हो. वे इतिहासकार अपने कारनामों को कवर करना चाहते थे
यही नहीं ‘इतिहासकारों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा – लाल, बाल, पाल को चरमपंथियों के रूप में प्रमोट किया गया, नरमपंथी वे थे जो रियायतें मांगने वाली याचिकाएं लिख रहे थे। और उन्हें तार्किक लोग माना जाता था.