देश के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले प्राइम टाइम शो, इंडिया न्यूज़ के न्यूज़ डायरेक्टर तथा जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने मोरबी में हुए पुल हादसे पर जनता का मुकदमा में कई बड़े सवाल उठाए थे. साथ ही उन्होंने Oreva कम्पनी के मालिक पर जल्द से जल्द सरकार से एक्शन लेने की आवाज उठाई थी.
प्रदीप भंडारी ने शुरुवात से ही पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मुहीम को उठाया था. जिसके बाद अब इस मामले से जुडी बड़ी खबर सामने आई है. साथ एक बार फिर से जनता का मुकदमा का बड़ा असर देखने को मिला है.
'Nobody will be spared. Every culprit in Morbi will face the law' –
Harsh Sanghvi, Gujarat Home Minister tells Pradeep Bhandari in this exclusive interview on @IndiaNews_itv.#HarshSanghaviOnIndiaNews @sanghaviharsh @pradip103 #MorbiBridgeCollapse #GujaratElections2022 pic.twitter.com/bvDJ3kFNH7
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) November 21, 2022
इसी क्रम में गुजरात चुनाव के दौरान गुजरात सरकार में गृह मंत्री हर्ष संघवी से प्रदीप भंडारी ने सीधे संवाद किया था. इस दौरान उन्होंने गुजरात की राजनीति से जुड़े कुछ सवाल तो पूछे ही प्रमुखता से मोरबी में हुए हादसे को भी उठाया था. जिस परगुजरात सरकार में गृह मंत्री हर्ष संघवी ने जवाब देते हुए कहा था कि, प्रदीप भंडारी मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सरकार पूरे मामले पर गंभीरता से काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि जिस वक्त यह हादसा हुआ वह खुद भी उस स्थान पर मौजूद थे और उन्होंने सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए कहा कि हादसे के 1 घंटे के भीतर इस पूरे मामले पर एफ आई आर दर्ज कर ली गई थी.
और कंपनी पर भी इस पूरे मामले से जुड़ी गतिविधियों को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
आपको बता दें की मोरबी पुल हादसा मामले में जयसुख पटेल का नाम एफआईआर में बतौर आरोपी दर्ज है. जयसुख पटेल ने बीते 20 जनवरी को मोरबी के सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.
मोरबी पुल हादसा मामले में आरोपी ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक (MD) जयसुख पटेल ने मंगलवार को मोरबी में सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले सीजेएम कोर्ट ने जयसुख पटेल के खिलाफ वॉरंट जारी किया था।पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी में मच्छु नदी पर बना पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात पुलिस नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें ओरेवा ग्रुप के चार कर्मचारी शामिल थे। इनमें कंपनी के दो मैनेजर हैं और दो टिकट क्लर्क हैं।