बीबीसी की पीएम नरेंद्र मोदी और गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। गुजरात विधानसभा ने शुक्रवार (10 मार्च) को बीबीसी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें केंद्र से उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी विधायक विपुल पटेल ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि ब्रिटिश ब्रॉडकांस्टिंग कॉरपोरेशन ने इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के टाइटल वाली विवादास्पद दो भागों वाली सीरीज साल 2002 की घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है और विश्व स्तर पर भारत की छवि खराब करने का प्रयास करती है।
विपुल पटेल के प्रस्ताव का बीजेपी विधायक मनीषा वकील, अमित ठाकर, धवल सिंह जाला और मंत्री हर्ष सांघवी ने समर्थन किया। हालांकि, इस दौरान कांग्रेस विधायकों की मौजूदगी नहीं थी। ध्वनि मत से विधेयक पारित किया गया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित होने के बाद स्पीकर शंकर चौधरी ने कहा कि बीबीसी का प्रयास निंदनीय है। सदन ने केंद्र को अपना संदेश भेजने के लिए प्रस्ताव पारित किया है।
विपुल पटेल ने कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इसके संविधान के मूल में है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि एक समाचार मीडिया इस तरह की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर सकता है। अगर वो इस तरह का व्यवहार या कार्य करता है तो इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। बीबीसी अपनी विश्वसनीयता खो रहा है और भारत देश और सरकार के खिलाफ कुछ छिपे हुए एजेंडे पर काम कर रहा है।”