भ्रष्टाचार के आरोपी कर्नाटक के बीजेपी विधायक एम विरूपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) को हाई कोर्ट (High Court) से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा और अदालत से आज ही सुनवाई की मांग की.
कोर्ट ने आज सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा, यह मामला ऐसा नहीं है जिसको आज ही सुनना जरूरी हो. जल्द ही मामला सुनवाई के लिए लगाया जाएगा.
मैंने कुछ गलत नहीं किया इसलिए मुझे… – विरूपक्षप्पा
वहीं, जमानत मिलने पर विरुपक्षप्पा ने कहा सभी टेंडर को पारदर्शी तरीके से केएसडीएल अधिकारियों ने मंजूरी थी और कुछ भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, मैंने किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की है कुछ गलत नहीं किया है इसलिए कोर्ट ने मुझे जमानत दी है. विरुपक्षप्पा बोले, अज्ञात लोगों ने राजनीतिक मंशा के चलते साजिश की है.
घर से बरामद हुए थे 8.23 करोड़ रुपये
दरअसल, लोकायुक्त अधिकारियों ने बीते दिनों विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार एमवी को केएसडीएल कार्यालय में पिता की ओर से एक ठेकेदार से करीब 40 लाख रुपये की रिश्त लेते रंगे हाथ पकड़ा था. वहीं, आगे की छापेमारी में 3 मार्च को मदल परिवार के घर से 8.23 करोड़ नकदी, भारी मात्रा में सोने, चांदी बरामद हुए थे.
मेरा परिवार का ही है पैसा… – विरूपक्षप्पा
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी विधायक ने स्वीकार किया था कि उनके घर से बरामद पैसा उन्ही के परिवार का है. उन्होंने कहा, ”हमारा ताल्लुक सुपारी की धरती से है. हमारी सुपारी वाली धरती के एक साधारण किसान के घर में पांच से छह करोड़ रुपये होते हैं. मेरे पास सुपारी का 125 एकड़ का खेत है, सुपारी का बाजार है और कई अन्य व्यवसाय भी हैं. मैं लोकायुक्त को उचित दस्तावेज पेश करूंगा और अपना धन वापस लूंगा.”