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डिजिटल हिन्दू कॉन्क्लेव में प्रदीप भंडारी ने बताया कैसे ऑपरेट होता है एन्टी इंडिया टूलकिट

प्रदीप भंडारी भोपाल में चल रहे डिजिटल हिन्दू कॉन्क्लेव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रदीप भंडारी ने वहां मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने वहां जोरदार भाषण दिया। भारतनीति के ऊपर बोलते हुए प्रदीप भंडारी ने कई विषयों पर अपनी बात रखी।

एन्टी इंडिया टूलकिट कैसे ऑपरेट होता है? इसपर बात करते हुए प्रदीप भंडारी ने बताया कि ये एन्टी इंडिया टूलकिट इसके अंदर हर वर्ग के लोग मौजूद होते हैं। ये एन्टी इंडिया टूलकिट का व्यक्ति आम लोगों के जैसा ही दिखता है। भारतीय होगा मगर वो किसी और के लिए काम कर रहा होगा। आपको याद होगा आज़ादी के बाद से हमारे देश में हमलोग एटम बम टेस्ट करने में बहुत आगे थे और उस वक्त विश्व में प्रसिद्ध वैज्ञानिक होमी भाभा हमारे एटॉमिक एनर्जी को लीड कर रहें थे।

उस वक्त वैश्विक ताकतों के साजिश के कारण एकदम से होमी भाभा के प्लेन क्रैश में मौत हो गयी और ये आज भी एक रहस्य है। इसके बाद हमारा एटॉमिक प्लान 20 साल पीछे चला गया। ये साजिश किसी बाहर के ताकत ने नहीं बल्कि बाहरी ताकत के पैसों पर हमारे लोगों ने ही किया था। हिंदुस्तान को कभी कोई टूलकिट हरा नहीं सकता जबतक हिंदुस्तान के अंदर का ही व्यक्ति मदद करे। इसलिए एन्टी इंडिया टूलकिट में हर कोई है। इसमें हर वर्ग के लोग हैं, वो पत्रकार हो सकता है, बिज़नेस मैन हो सकता है, नेता हो सकता है। क्योंकि आज सोशल मीडिया के जमाने में हर कोई एक दूसरे से जुड़ा हुआ है।

ये आपके दिमाग पर हमला करते हैं। ये आपके विचार पर हमला करते हैं। आपका विचार सब कुछ है। क्योंकि इस देश में हम वैचारिक रूप से हम भ्रमित थे तो नेता कहते थे हिंदू आतंकवाद और देश में सड़कों पर लोग नहीं निकल पाते थे और फिर सब कहते थे इट्स ओके! कौन सी बड़ी बात हो गई। हाफिज सईद को हाफिज सईद जी कहा जाता था। क्यों क्योंकि वैचारिक रूप से हमलोग कंफ्यूज थे। फिर हमलोगों ने सोचा कि ये हो क्या रहा है हमारे साथ में। फिर हर वर्ग में 2014 के बाद नई क्रांति देखने को मिली। एन्टी इंडिया टूलकिट एक जगह अटैक नहीं करती यह आपके दिमाग पर हमला करती है।

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